L19/Ranchi : टोटेमिक कुडमी विकास मोर्चा ने रेल रोको आंदोलन के दौरान हुई हिंसा के लिए सरकार को जिम्मेवार ठहराया है। मोर्चा ने यह बात रविवार को अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस मे कहा है। साथ ही गिरफ्तार आंदोलनकारियों की बिना शर्त रिहाई और दर्ज मकुदमों को निरस्त करने की मांग की है। मोर्चा के कार्यकर्ताओ ने कहा है कि अगर सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती है तो 26 सितंबर को झारखंड के मुख्य सचिव के साथ होने वाली वार्ता में टोटेमिक कुड़मी विकास मोची के प्रतिनिधि शामिल नहीं होंगे।
इसमें शामिल टोटेमिक कुड़मी विकास मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष शीतल ओहदार ने कहा कि 20 सितंबर को कुड़मी जनजाति को अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करने और कुड़माली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर रेल रोके आंदोलन हुआ था। इसके तहत झारखंड के मुरी रेलवे स्टेशन, गोमो रेलवे स्टेशन, नीमडीह रेलवे स्टेशन एवं घाघरा रेलवे स्टेशन, ओडिशा राज्य के हरिचन्दनपुर रेलवे स्टेशन, भंजपुर रेलवे स्टेशन और जराईकेला रेलवे स्टेशन में आंदोलनकारी जमाा हुए थे।
इसमें हजारों की संख्या में कुडमी समाज के लोग अपनी पारंपरिक वेशभूषा, ढोल नगाड़ा, झूमर नाच, छऊ नाच एवं गाजे-बाजे के साथ शामिल हुए थे। वही मोर्चा के लोगों का कहना है की एक सोची समझी साजिश के तहत कुड़मी आंदोलन को दबाने के लिए घाघरा (मनोहरपुर) में रात में आंदोलन में शामिल युवाओं और महिलाओं पर बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज किया गया। दर्जनों निर्दोष आंदोनकारीयों पर आपराधिक धारा लगाकर गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
कुड़मी समाज इसकी निंदा करता है। उन्होंने राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि बिना शर्त कुडमी आंदोलनकारियों को रिहा किया जाये नहीं तो मुख्यमंत्री आवास का घेराव किया जायेगा। प्रत्येक प्रखंड मुख्यालय में मुख्यमंत्री का पुतला दहन किया जायेगा। यही नहीं राज्य सरकार के खिलाफ चरणबद्ध तरीके से आंदोलन किया जायेगा।
सरकार में शामिल विधायक, मंत्रियों को भी भारी विरोध का सामना करना होगा। साथ ही कहा कि 26 सितंबर को झारखंड के मुख्य सचिव से होने वाली बातचीत में टोटेमिक कुड़मी विकास मोची का प्रतिनिधिमण्डल शामिल नहीं होगा। जब तक कुडमी आंदोलनकारी बिना शर्त रिहा नहीं होते हैं तब तक सरकार से कोई वार्ता नहीं होगी। प्रेस वार्ता में राजो सुषमा देवी, दानी सिंह महतोल आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।