L19 DESK : प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने कोलकाता के कारोबारी जगत बंधु टी इस्टेट के दिलीप घोष को नोटिस जारी किया है। यह नोटिस रांची के कई प्रमुख लोकेशनों पर जमीन की गलत तरीके से हुई खरीद-बिक्री को लेकर की गयी है। जगत बंधु टी इस्टेट के दिलीप घोष के मार्फत कारोबारी विष्णु अग्रवाल ने सेना के कब्जेवाली जमीन, चेशायर होम रोड की जमीन, सिरमटोली तथा अन्य जगहों पर जमीन खरीदी है। दिलीप घोष को 10 मई को इडी के क्षेत्रीय कार्यालय में उपस्थित होने को कहा गया है। इसके अलावा सेना के कब्जेवाली जमीन का गलत दस्तावेज बनानेवाले हजारीबाग के डीड राइटर भरत प्रसाद, कोलकाता में रहनेवाले ब्रोकर लखन सिंह और रांची के राजेश राय को भी नोटिस जारी किया गया है। इन्हें आठ मई को रांची के इडी दफ्तर में बुलाया गया है। इन लोगों ने ही गलत दस्तावेज बना कर उस जमीन को विष्णु अग्रवाल के हाथों बिकवाया है।
जानकारी के मुताबिक, राजेश राय ने सबसे पहले विवादित चेशायर होम वाली जमीन की रजिस्ट्री करवाई थी।
इसमें डीड राइटर लखन प्रसाद और भरत प्रसाद दोनों के हस्ताक्षर भी हैं। चेशायर होम जमीन की दलाली के एवज में इन्हें अच्छी रकम मिली थी। सेना के कब्जे वाली जमीन की खरीद-बिक्री का है तो इसमें फर्जीवाड़ा का खुलासा आयुक्त की जांच रिपोर्ट में पहले ही हो चुका है। उक्त रिपोर्ट में यह बात सामने आ चुकी है कि प्रदीप बागची नाम के व्यक्ति ने फर्जी रैयत बनकर जगत बंधु टी इस्टेट प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक दिलीप कुमार घोष को उक्त जमीन बेच डाली थी। जमीन की खरीद-बिक्री के लिए रजिस्ट्री में प्रदीप बागची ने जिस होल्डिंग नंबर से संबंधित दो अलग-अलग कागजातों को लगाया था, वह फर्जी थे। मामले को लेकर रांची नगर निगम की ओर से भी बरियातू थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। रांची नगर निगम के कर संग्रहकर्ता दिलीप शर्मा ने नगर आयुक्त के आदेश पर जून में प्रदीप बागची के विरुद्ध जालसाजी के मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
उन्होंने आरोप लगाया था कि प्रदीप बागची ने फर्जी आधार कार्ड, फर्जी बिजली बिल, फर्जी पोजेशन लेटर दिखाकर दो-दो होल्डिंग ले लिया था। आयुक्त की जांच में सेना के कब्जे वाली जमीन का असली रैयत जयंत करनाड मिला था। ईडी ने इस पूरे मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत केस दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया था।रांची में सेना की जमीन की खरीद-बिक्री में कोलकाता से फर्जी दस्तावेज बनाकर की गई गड़बड़ी की जांच में ईडी आगे बढ़ी तो रांची में सैकड़ों एकड़ जमीन की डील में फर्जीवाड़ा सामने आ गया है। रांची में एक गिरोह सक्रिय है, जो कोलकाता जाकर रांची की जमीन का फर्जी पेपर तैयार करता है, उसकी रजिस्ट्री कोलकाता में ही करायी जाती है। इसके बाद कौड़ियों की जमीन को करोड़ों में बेचा जाता । इस पूरे फर्जीवाड़े में आला अधिकारियों के साथ-साथ अंचल अधिकारी, राजस्व कर्मचारियों की बड़ी भूमिका होती है।
वहीं ईडी ने जांच में पाया है कि जमीन घोटाला कर सरकारी अफसरों, कर्मियों के साथ-साथ माफियाओं ने अरबों की कमाई की। रांची के सदर अंचल, बड़गाई अंचल, नामकुम अंचल, हेहल अंचल, नगड़ी अंचल, कांके अंचल, रातू अंचल में इस तरह की फरजी डीड पर एक हजार एकड़ से अधिक जमीन की बिक्री की गयी है। इसमें कई अंचल अधिकारियों के शामिल होने की बातें भी सामने आ रही हैं। सबसे अधिक गड़बड़ी चुरचू अंचल के प्रभारी सीओ शशि भूषण सिंह ने की है। इसने कारोबारी विष्णु अग्रवाल के लिए कई जमीन की डीलिंग की है। इसके अलावा कांके के सीओ दिवाकर द्विवेदी का भी नाम सामने आ रहा है। नामकुम की सीओ रही शुभ्रा रानी, बड़गाई के सीओ मनोज कुमार, पूर्व सीओ शैलेश कुमार और अन्य भी इस कुकृत्य में शामिल हैं।