L19/Ranchi : ईडी ने अपने विशेष अदालत में योगेंद्र तिवारी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। इस चार्जशीट में शराब घोटाला से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले का खुलासा किया है। चार्जशीट में ईडी ने बताया है कि योगेंद्र तिवारी ने शराब घोटाले के साथ साथ अवैध तौर पर बालू खनन और उनका स्टोरेज और जमीन की अवैध खरीद बिक्री भी की है। ये सब कर के उसने भारी मात्रा में संपत्ति अर्जित की। इन पैसों का इस्तेमाल उसने साल 2021 में शराब की थोक बिक्री के लाइसेंस शुल्क का भुगतान करने में किया।
प्रेम प्रकाश की भी संलिप्तता
इसमें पावर ब्रोकर प्रेम प्रकाश सहित कई अधिकारियों का भी बड़ा हाथ है। अब जहां घोटालों की बात हो, और प्रेम प्रकाश का नाम न आये, ये तो बिल्कुल मुमकिन नहीं। ईडी ने अदालत को ये भी बताया कि योगेंद्र तिवारी ने शराब का कारोबार अपने सहयोगियों, निजिकर्मियों और शराब दुकान के कर्मचारियों के नाम पर किया था। उनके नाम पर बैंक अकाउंट्स भी खुलवा रखे थे। इस तरह से उसने भारी संपत्ति अर्जित की।
जब इन घोटालों का खुलासा होने लगा, तब उसने सबूतों को मिटाने की भी कोशिश की। उसने अपने दो ईमेल आईडी को डिलिट कर दिया, जो उसके इस अवैध रुप से संचालित बिजनेस से संबंधित थे। बता दें बीते 23 अगस्त को योगेंद्र तिवारी से संबंधित कुल 12 ठिकानों पर ईडी ने छापा मारा था। इसके बाद 19 अक्टूबर को ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज दिया था।
योगेंद्र तिवारी की जमानत याचिका खारिज
ईडी की विशेष अदालत में योगेंद्र तिवारी ने जमानत याचिका दायर की थी, जिसे शनिवार को खारिज कर दिया गया। योगेंद्र तिवारी की तरफ से अधिवक्ता सुमित गड़ोदिया और अधिवक्ता विक्रांत सिन्हा केस लड़ रहे थे। इससे पहले कोर्ट से मिली मंजूरी के बाद ईडी ने योगेंद्र तिवारी को पूछताछ के लिये 14 दिनों की रिमांड पर लिया था। रिमांड की समय सीमा समाप्त हो जाने के बाद योगेंद्र तिवारी को अदालत के समक्ष पेश किया गया। इसके बाद उन्हें वापस से रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में सलाखों के पीछे भेज दिया गया।