L19/Dumka : 8 नवंबर 2021 को दुमका के ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल के वरीय लेखा लिपिक द्वारा नगर थाना में आवेदन देकर 1 करोड़ 42 लाख 20 हजार 590 की सरकारी राशि के गबन के संबंध में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पुलिस ने अनुसंधान में विभाग के वरीय लेखा लिपिक पंकज वर्मा और कंप्यूटर ऑपरेटर पवन गुप्ता को गिरफ्तार किया था। पवन गुप्ता इस केस में जमानत पर हैं, जबकी पंकज वर्मा अभी भी जेल में हैं। पूर्व मुख्यमंत्री सह भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने बीते दिनों इस मामले में ईडी से मनी लॉन्ड्रिंग के पहलुओं पर जांच की मांग की थी। उन्होंने कहा था की इस मामले में छोटे कर्मचारी जेल में बंद हैं, अधिकारी मस्त हैं।
ईडी को जांच का दायरा दुमका तक बढ़ाना चाहिए
इधर, छात्रावासों के मरम्मत और जीर्णोद्धार के नाम पर ठेकेदार और इंजीनियर के गठजोड़ से सरकारी राशि का दुरुपयोग हो रहा है। इस बंदरबांट और लूट को कौन संरक्षण दे रहा है। दुमका में हुए 1.42 करोड़ के गबन मामले की सरकार ने एसीबी जांच कराना मुनासिब नहीं समझा। बाबूलाल ने कहा है कि ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल वही विभाग है जिसके चीफ इंजीनियर रहे वीरेंद्र राम अभी जेल में हैं। ईडी मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रही है। ईडी को जांच का दायरा दुमका तक बढ़ाना चाहिए। जीके इंटरप्राइजेज के खाते में राशि आते ही राजेश ने राशि कई खातों में भेज दी। 54 लाख रुपये राजेश ने अपने भाई रंजन सिंह के खाते में भेजा था। बाद में पुलिस ने राजेश को गिरफ्तार किया था। अब इस मामले को ईडी टेकओवर कर सकती है।
जाने क्या है पूरा मामला
रामगढ़ प्रखंड में ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल द्वारा पूल बनाया गया था। कार्य एबीसी कंस्ट्रक्शन कंपनी ने किया था। इसके एवज में विभाग ने 28 अक्टूबर 2021 को एक करोड़ 42 लाख 20 हजार 590 रुपये का चेक और हार्ड कॉपी कंट्रक्शन कंपनी के एसबीआई खाता में डालने के लिए कोषागार को भेजा था। सात नवंबर तक जब राशि कंपनी के खाता में नहीं पहुंची तो संवेदक ने लिखित शिकायत विभाग से की। इसके बाद प्राथमिकी नगर थाना में दर्ज कराई गई। अनुसंधान में पता चला कि राशि एबीसी कंस्ट्रक्शन कंपनी के एसबीआई खाता के बदले हरियाणा हिसार की जीके इंटरप्राइजेज नामक कंपनी के केनरा बैंक के खाता में पहुंच गई है। जीके इंटरप्राइजेज के प्रोपराइटर राजेश सिंह हैं, जो बिहार के नवादा के रहने वाले हैं।