L19 DESK : डॉ .भीमराव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर शुक्रवार को डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय में सेमिनार का आयोजन हुआ,जिसमे चर्चा का विषय था “अंबेडकर और भारतीय समाज में उनका योगदान”। सेमिनार के मुख्य अतिथि पटना विश्वविद्यालय के प्रोफेसर सह पटना के एमएलसी प्रो संजय पासवान थे। मौके पर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ तपन कुमार शांडिल्य ने कहा कि बाबा साहेब ने तीन लोगों को अपना गुरु माना- पहला गौतम बुद्ध, दूसरा संत कबीर और तीसरा महात्मा ज्योतिबा फुले। तब स्थित ऐसी थी कि कोई भी शिक्षक अंबेडकर को संस्कृत नहीं पढ़ाते थे।
कोई नाई उनका बाल नहीं काटता था, इन सब कुरीतियों को दूर करने के लिए बाबा साहब ने पढ़ाई को अपना हथियार बनाया । इसके बल पर समाज को बदलने का ठान लिया। वीसी ने कहा कि बाला साहब बीए पास करने पर बड़ोदा रियासत में काम करने लगे।बड़ेदा नरेश की अनुकंपा पर उन्हें स्कॉलरशिप मिला और वे कोलंबिया विश्वविद्यालय पढ़ने चले गए, वहां से उन्होंने राजनीति शास्त्र में एमए किया। फिर पीएचडी की । कोलंबिया से लंदन चले गए। अर्थशास्त्र में एमए के बाद उन्होंने कानून की पढ़ाई की। सेमिनार में विश्वविद्यालय की रजिस्ट्रार डॉ नमिता सिंह, इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो राजेश सिंह, ईएलएल के कोऑर्डिनेटर डॉ विनय भारत, डॉ अशोक नाग और विश्वविद्यालय के शिक्षक और विद्यार्थी शामिल रहे।