L19 DESK : चिकित्सकों पर हो रहे हमले, मारपीट की घटना से उग्र डॉक्टरों ने आंदोलन की रणनीति बना ली है। डॉक्टरों ने सरकार को 12 मार्च तक का समय दिया है। अगर सरकार उनकी मांगों पर विचार नहीं करती तो राज्य भर के सभी चिकित्सक 13 मार्च से अनिश्चितकालीन हड़ताल में चले जाएंगे।
आईएमए के प्रदेश सचिव डॉ. प्रदीप सिंह ने कहा कि पूरे राज्य के चिकित्सक सालों से मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट और क्लिनिक एस्टेब्लिशमेंट एक्ट में 50 बेड से कम बेड वाले क्लिनिक को अलग करने की मांग कर रहे है। जहां एक ओर सरकार चिकित्सकों को यह मूल सुविधाएं नहीं उपलब्ध करा रही, वहीं चिकित्सकों के साथ मारपीट करने वाले दोषियों पर भी किसी तरह की कार्रवाई नहीं कर रही है।
हजारीबाग, गढ़वा, रांची, लोहरदगा, धनबाद में हुए चिकित्सकों पर हुए हमले पर कार्रवाई, सरकारी चिकित्सा सेवा को इमरजेंसी सेवा घोषित करते हुए बायोमेट्रिक से वेतन को जोड़ने के आदेश से मुक्त रखना एवं धनबाद में डॉ हाजरा दाम्पति और रांची रिम्स के वरीय चिकित्सक डॉ सौरभ के साथ हुए दु:खद घटना में सरकार के द्वारा मुआवजा एवं प्रावधानों के अंतर्गत उनकी पत्नी को नौकरी देने कि मांग कि गयी है।
उन्होंने कहा कि यदि ऐसा नहीं हुआ तो पूर्व में ही घोषणा कि गयी थी कि 1 मार्च को सफल सांकेतिक कार्य बहिष्कार के उपरांत अगर सरकार 12 मार्च 2023 तक चिकित्सकों कि मांग को पूरा नहीं करती है तो पुरे राज्य में सरकारी प्राइवेट तथा मेडिकल से संबंधित सारी इकाई अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार पर चले जाएंगे। आईएमए की राष्ट्रीय सह-अध्यक्ष सह झारखंड वीमेन विंग की अध्यक्ष डॉ. भारती कश्यप ने कहा कि डॉक्टर्स की सुरक्षा सरकार की जिम्मेदारी है। लेकिन सरकार बार-बार इससे मुंह मोड ले रही यह ठीक नही है।