L19/Desk. स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने रिम्स के निरीक्षण करते हुए शुक्रवार को सेंट्रल इमरजेंसी पहुंचे। यहां मरीज के बेड में गंदी चादर देख नाराज हो गए। उन्होंने तत्काल रिम्स अधीक्षक डॉ हीरेंद्र बिरुआ से पूछा कि इसके लिए जिम्मेदार कौन हैं? इसके बाद उन्होंने मेडिकल ऑफिसर डॉ अनिश कुमार और सिस्टर इंचार्ज डॉ विद्या को सस्पेंड कर दिया।
इस घटना के दूसरे दिन यानी शनिवार को सस्पेंशन से नाराज डॉक्टरों ने स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को हड़काते हुए कहा कि अगर एमओ का सस्पेंशन वापस नहीं लिया जाता है तो वे सोमवार से कार्य बहिष्कार कर देंगे। डॉक्टरों का एक प्रतिनिधिमंडल ने सूबे के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के साथ उनके कार्यालय में बैठक की। इस बैठक में डॉक्टरों के हड़काने के बाद उन्होंने सस्पेंशन को वापस ले लिया।
रिम्स अधीक्षक कार्यालय का घेराव
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के साथ मीटिंग से पहले डॉक्टरों ने रिम्स अधीक्षक डॉ हीरेंद्र बिरुआ के कार्यालय का घेराव भी किया। यहां डॉ मनोज कुमार ने साफ तौर पर कहा कि मरीजों को सुविधा नहीं मिलना एडमिनिस्ट्रेटिव फेल्योर है। हम डॉक्टर हैं। हमारा काम इलाज करना है न कि मरीज के बेड का चादर बदलना। इसके बाद रांची आइएमए, झासा और रांची रिम्स के डॉ मनोज कुमार, डॉ प्रभात, डॉ पंकज बोदरा, डॉ सुषमा, डॉ निशित एक्का सहित अन्य ने स्वास्थ्य मंत्री के साथ बैठक की। इस बैठक में राज्य में बेहतर चिकित्सा व्यवस्था बहाल करने समेत मेडिकल प्रोटेक्शन बिल, रिम्स समेत विभिन्न अस्पतालों की व्यवस्था को बेहतर बनाने पर सहमति बनी।
पूरा मामला
शुक्रवार को रिम्स शासी परिषद् की 55वीं बैठक होनी। बैठक शुरू होते ही रिम्स निदेशक डॉ कामेश्वर प्रसाद ने कहा कि अगर स्वास्थ्य मंत्री मेरे काम से असंतुष्ट हैं तो उन्हें हटा दीजिए। इस पर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि इस्तीफा देना चाहते हैं तो खुद दीजिए। स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता बैठक स्थगित करते हुए ट्रामा सेंटर स्थित सेंट्रल इमरजेंसी के निरीक्षण के लिए निकल गए। निरीक्षण के दौरान मरीज के बेड में गंदी चादर देख स्वास्थ्य मंत्री भड़क गए और सीएम को सस्पेंड करने का आदेश सुना दिया।