L19/Sahebganj : साहिबगंज के पत्थर कारोबारी कृष्णा साहा फिलहाल प्रवर्तन निदेशालय (इडी) की हिरासत में हैं। पिछले बुधवार को लंबी पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया था। आखिर ये कृष्णा साहा हैं कौन, इन्हें झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद समेत जिला खनन कार्यालय साहेबगंज से कैसे सभी तरह की अनापत्ति, ट्रांसपोर्ट परिवहन का चालान और अन्य वैधानिक दस्तावेज धड़ल्ले से मिल जाता था। इन सबकी जांच अब होनी जरूरी है। कृष्णा साहा एके माइंस एंड क्वारी प्राइवेट लिमिटेड जामपुर बरहरवा के मालिक हैं। जानकारी के अनुसार कृष्णा साहा को इडी की छापेमारी के बाद भी आसानी से पत्थर खदान चलाने के लिए कंसेंट टू आपरेट का लाइसेंस मिल जाता है।
प्रदूषण नियंत्रण पर्धद के क्षेत्रीय अधिकारी कमलकांत पाठक की तरफ से 24 अप्रैल 2023 को परिवहन का अनापत्ति प्रमाण पत्र दिया गया। बरहरवा गुड्स शेड के नाम से पवन कुमार को यह कंसेंट दिया गया, जिसमें जिकिता और बरमसिया मौजा के खेसरा नंबर शून्य जिसका कुल क्षेत्रफल 56,240 वर्ग मीटर है और जिसमें पत्थर के स्टोन चिप्स के लोडिंग और अनलोडिंग की अनुमति दी गयी। प्रत्येक महीने 1.50 लाख मिट्रिक टन स्टोन चिप्स की ढुलाई की मंजूरी प्रदूषण बोर्ड ने दी, इसमें क्षेत्रीय कार्यालय दुमका की जांच रिपोर्ट भी संलग्न की गयी है। यह सीटीओ 31 अगस्त तक के लिए प्रदूषण बोर्ड ने जारी की है। जारी कंसेंट लेटर में कहा गया है कि इस्टर्न रेलवे मालदा के सीनियर डीविजन इंजीनियर को पतना अंचल के बरमसिया और झिकटिया रेलवे साइडिंग की अनुमति प्रदान की गयी है।
झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के सदस्य सचिव संजय कुमार सिन्हा ने 23.5.2012 को बरहरवा ब्लास्ट इंजीनियरिंग साइडिंग पर भंडारण के लिए अनुमति प्रदान की थी। यह अनुमति यानी पीसीबी क्लीयरेंस 31 मार्च 2025 तक के लिए वैध है। जबकि इसी सिलसिले में 24 अप्रैल 2023 को भी एनओसी प्रदान की गयी। एके माइंस एंड क्वारी प्राइवेट लिमिटेड का सारा काम विश्वजीत साहा देखते हैं, जो माइंस इंचार्ज भी हैं और अभी इडी की गिरफ्त से बाहर हैं। यही स्टोन चिप्स परिवहन, रेलवे साइडिंग तथा अन्य कार्य देखते हैं। इनके बारे में निर्दलीय विधायक सरयू राय ने भी सोसल मीडिया पर अपना बयान जारी कर कहा था कि कृष्णा साहा और उनके सहयोगी सबसे बड़े अवैध खनन माफिया हैं।
एके माइंस एंड क्वारी प्राइवेट लिमिटेड का मिनरल डीलर रजिस्ट्रेशन नंबर है जे062017920, इन्हें पत्थर खदान के अलावा 2021 में ही डीलर लाइसेंस सरकार की मेहरबानी से मिल गया, क्योंकि मुख्यमंत्री के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा के ये काफी करीबी थे। इनके दो आवेदनों पर बरहरवा जनरल रेलवे साइडिंग और बीपीएसएच साइडिंग में जगह आवंटित की गयी। इन्हें यह छूट दी गयी कि ये अपने रेलवे साइडिंग के लिए साहेबगंज के किसी भी स्टोन माइंस से स्टोन चिप्स और अन्य चीजें ला सकते हैं। साहिबगंज में हुए अवैध खनन मामले में कृष्णा साहा से पंकज मिश्रा, डाहू यादव तथा अन्य की जानकारियां इकट्ठा की गयी है। आठ जून 2022 को पंकज मिश्रा सहित कुल 15 लोगों के ठिकाने पर ईडी ने छापेमारी की थी, जिन 15 लोगों के ठिकानों पर छापेमारी हुई थी. उसमें कृष्णा साहा भी शामिल थे। इडी ने उस समय पौने दो करोड़ रुपये कई बैंकों के खाते और अन्य दस्तावेज बरामद किये थे।