L19 DESK : मनी लॉन्ड्रिंग मामले के आरोपी वकील राजीव कुमार तथा कारोबारी अमित अग्रवाल की डिस्चार्ज अर्जी अदालत ने खारिज कर दिया है। जिससे दोनों की परेशनी बढ़ गई हैं। घटना में अब दोनों के विरुद्ध आरोप गठन के बिंदु पर सुनवाई होगी। अदालत ने उनके लिए 19 अप्रैल की तिथि निर्धारित किया है।
चार्जशीट दोनों के खिलाफ दाखिल किया गया है
कोर्ट ने 27 मार्च को दोनों की डिस्चार्ज अर्जी पर सुनवाई पूरी होने के बाद खारिज कर दिया। 6 अप्रैल को ईडी कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पीके शर्मा ने फैसला सुनाया। दोनों ने आरोप गठन से पूर्व मामले में खुद को निर्दोष बताते हुए अदालत में आरोप मुक्त करने की अर्जी दाखिल की थी। अमित अग्रवाल ने 22 फरवरी को एवं राजीव कुमार ने 23 फरवरी को अर्जी दाखिल किया थी। अमित अग्रवाल की शिकायत पर ही कोलकाता पुलिस ने राजीव कुमार को 50 लाख नकदी के साथ 31 जुलाई 2022 को गिरफ्तार किया था। 10 अगस्त को इस केस में रांची में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था। ईडी मामले में दोनों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर चुकी है।
मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में आरोपी ने किया इनकार
याचिका कर्ता की ओर से कहा गया कि इनलोगों पर किसी प्रकार से मनी लाउंड्रिंग का केस नहीं बनता है। राजीव कुमार एक वकील हैं और उन्हें भ्रष्टाचार के रूप में स्थापित किया गया है जो उनके दायरे में नहीं आते हैं। लेकिन जांच के दौरान जांच एजेंसी किसी भी लोक सेवक का नाम नहीं खोज पाई जिसके लिए कथित राशि की मांग किया था ।
राजीव कुमार ने अपने बचाव में दिया तर्क
राजीव कुमार ने दावा किया है कि उन्होंने कई भ्रष्ट कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ आवाज उठाई थी। याचिका कर्ता को पूरी तरह से झूठी और मनगढ़ंत कहानी के साथ झूठा मामला बताया गया है। उसे देखते हुए आरोप मुक्त किया जाए। अदालत ने दोनो की बहस सुनने के बाद माम