L19/Desk. ग्रामीणों का कहना हैं की 2003 में सूत फैक्ट्री के नाम पर 1100 रुपये प्रति डिसमिल पर रोजगार की गारंटी देकर रैयतो से जमीन लिया गय़ा। अब प्रबंधन के द्वारा ठीक उसके विपरित काम किया जा रहा हैं। वर्षो से काम कर रहे मजदुरो को काम से हटा दिया जा रहा हैं। समिति को विश्वास में लिए बिना अपने तरीके से कार्य किये जा रहे हैँ। फैक्ट्री के प्रदुषण से आम जनता पशु-मवेशियों, जलवायु, पर्यावरण, सहित फसल को बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैँ, ज़िससे लोगो में काफी आक्रोश व्याप्त हैं। प्रबंधन के द्वारा स्थानीय जनप्रतिनिधियों पर केश मुकदमा करने की हमेशा धमकाने का भी दिखने का प्रयास करके चेतावनी दी जाती हैं।
बताया गया की मजदूरो की मजदूरी में से मनमर्जी तेल, साबुन,गुड, का कटोती करने का काम हो रहा है। पूर्व से काम कर रहे मजदूरो को पुनः काम पर लगाना, सरकार के अधिनियम के त हत 7.5 प्रतिशत स्थानीय लोगो को रोजगार पर गारंटी करना, चाहे ट्रांसपोर्टिंग, कोयला, लोहा, चारकोल सहित एनी ढुलाई पर स्थानीय समिति प्राथमिकी देना, सहित पूर्णरूप से अवैध कोयले का रोक लगाना बकाया बिजली बिल को बढ़ोतरी डॉ भुगतान करना, जिन रैयातोके द्वारा भूमि रोजगार का पहला प्राथमिकता देने एवं किसी भी परिस्थिति पर प्रदुषण से मुक्त देने की गारंटी सुनिशिचित करने की मांग कर रहे हैँ।