L19 DESK : झारखंड मुक्ति मोर्चा के 13वें महाधिवेशन का आज दूसरा दिन है. दूसरे दिन कई अहम फैसले पार्टी की ओर से लिए जाएंगे. ऐसे में झामुमो ने अपने संविधान में संशोधन कर पार्टी में कार्यकारी अध्यक्ष का पद समाप्त कर दिया है. दरअसल, यह वही पद है जिसपर पिछले 10 वर्षों से हेमंत सोरेन ने अपनी जवाबदेही निभाई और पार्टी को लगातार दो बार सत्ता पर काबिज कराया. लेकिन अब जब इस पद को समाप्त कर दिया गया है तो ऐसे में यह लगभग तय माना जा रहा है कि हेमंत सोरेन अब अपने पिता दिशोम गुरू शिबू सोरेन का पद संभालेंगे और दिशोम गुरु को कोई और पद दिया जाएगा. यहां एक बात और समझने वाली है कि शिबू सोरेन की भूमिका क्या होगी इसपर भी पार्टी ने विचार कर लिया है और कार्यकारी अध्यक्ष के पद को समाप्त कर संस्थापक संरक्षक का एक नया पद बनाया गया है. ऐसे में लगभग साफ है कि हेमंत सोरेन जेएमएम पार्टी के अध्यक्ष होंगे और दिशोम गुरु शिबू सोरेन संस्थापक संरक्षक. लेकिन इन दोनों के बीच एक नाम कल्पना सोरेन का भी बेहद अहम है. उन्हें क्या पद मिलेगा, उनकी जिम्मेवारी क्या होगी.
देखिए, बीते कल से आपको कई न्यूज चैनलों में यह दिखाया जा रहा है कि कल्पना सोरेन को जेएमएम में कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जाएगा लेकिन अब यह साफ हो गया है कि पार्टी ने अपने संविधान में संशोधन कर कार्यकारी अध्यक्ष का पद ही खत्म कर दिया है. ऐसे में अब कल्पना को पार्टी में क्या जिम्मेवारी सौंपी जाएगी, बड़ा सवाल बनकर रह गया है. दरअसल, पार्टी के तमाम बड़े नेता आपको यह कहते सुनाए दे देंगे कि कल्पना सोरेन किसी पद की मोहताज नहीं हैं और यह लगभग सच है. किसी भी पार्टी कार्यक्रम में उनकी ताकत का एहसास आपको होता ही होगा. ऐसे में माना यह जा रहा है कि कल्पना सोरेन को केंद्रीय महासचिव या अध्यक्ष, महिला मोर्चा का पद दिया जाएगा. वहीं, हेमंत सोरेन के अध्यक्ष बनने और शिबू सोरेन के संस्थापक संरक्षक बनने पर आज मुहर लग जाएगी.
बहरहाल, अब जेएमएम के इतिहास पर थोड़ी बात कर लेते हैं. दरअसल, 1972 में जब जेएमएम का गठन हुआ तब विनोद बिहारी महतो को पार्टी का पहला अध्यक्ष बनाया गया. विनोद बिहारी 1984 तक पार्टी के अध्यक्ष रहें. फिर 1984 में A को पार्टी का अध्यक्ष बनाया गया. लेकिन निर्मल महतो की हत्या के बाद साल 1987 में पार्टी की कमान पार्टी के संस्थापक शिबू सोरेन ने संभाली, जो अभी तक चल रहा था. लगभग 38 वर्षों तक शिबू सोरेन ने अध्यक्ष पद की जिम्मेवारी संभाली. और अब लगभग चार दशक के बाद संगठन में बड़ा बदलाव होने जा रहा है. वहीं, अगर हेमंत सोरेन की बात करें तो उन्हें साल 2015 में कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था. 10 सालों तक इस पद पर रहने के बाद आज उन्हें अध्यक्ष बनाया जाएगा.