L19 DESK : कोयला वेतन समझौता 11वें का भार कोल इंडिया के साथ-साथ इसके सहयोगी कंपनियों पर पड़ने वाला है। इसकी भरपाई कैसे की जाए इसको लेकर जांच शुरू कर दी है । कोल इंडिया कोयला का दाम बढ़ाने को लेकर मथन कर रही है। वेतन समझौते का लाभ जुलाई, 2021 से कोयला श्रमिकों को देना है। इसके जरिए प्रतिवर्ष कोल इंडिया पर तकरीबन पांच हजार करोड़ का भार आ सकता है। कोयला श्रमिकों का वेतन समझौता पांच साल के लिए किया जाता है। 19 फीसदी एमजीबी पर फिलहाल सहमति बनी है। भत्ता पर अभी समझौता होना है ।
सालों बाद बढ़ेंगे कोयले के दाम
कोल इंडिया अब कोयले के दाम बहुत जल्द बढ़ाने वाली है। कोल इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष प्रमोद अग्रवाल ने सोमवार को यहां इंडियन कोल मार्केट कॉन्फ्रेंस में इसको लेकर जानकारी दी । उन्होंने कहा कि कोयले के दाम बढ़ाने का मुद्दा बेहद मजबूत है। पिछले पांच वर्षों में दाम नहीं बढ़ाए गए हैं।
इस साल मजदूरी को लेकर बातचीत हुई है, जिसका कोल इंडिया लिमिटेड की वित्तीय स्थिति पर असर पड़ सकता है । खासकर उन सहयोगी कंपनियों पर, जिनकी जन संसाधन लागत बेहद अच्छी है। अगर कोयले के दाम नहीं बढ़ाए गए, तो बहुत सी समस्याएं आ सकती है । इस बाबत समस्त अंशीदारों के साथ बातचीत चल रही है और उसके बाद कोयले के दाम बढ़ाए जा सकते हैं।
100 मिलियन टन करने का लक्ष्य
अग्रवाल ने आगे कहा कि उत्पादन के लिए तैयार रहना जरूरी है। किसी भी देश का तब तक उन्नति नहीं हो सकता, जब तक उसके ऊर्जा संसाधन सुरक्षित नहीं हो। उन्होंने कहा कि कंपनी ने 2030 तक कोयला उत्पादन वर्तमान 25-30 मिलियन टन से बढ़ाकर 100 मिलियन टन करने का लक्ष्य रखा है। निदेशक (तकनीकी) डा. बीवीरा रेड्डी ने देश की कोयले की मांग को पूरा करने के लिए कोल इंडिया के कदमों और वित्त वर्ष 2024-25 तक 1 बीटी के अनुसरण के बारे में बात की।
उन्होंने हरित मंजूरी और भूमि अधिग्रहण से संबंधित मुद्दों पर भी जोर दिया । इसको लेकर सभी कोयला कंपनियों का लक्ष्य तय कर दिया गया है। मौके पर कोयला मंत्रालय के वरीय अधिकारी के साथ कोयला कंपनियों के प्रमुख व अन्य अधिकारी मौजूद थे।