L19 DESK : झारखंड सरकार ने छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम (सीएनटी) और संताल परगना काश्तकारी अधिनियम (एसपीटी) में आवश्यक संशोधन करने की तैयारी कर ली है। अब सीएनटी और एसपीटी एक्ट के तहत एक ही थाना क्षेत्र में जमीन खरीदने की बाध्यता को समाप्त किया जायेगा।
बताते चलें कि पिछले कई वर्षों से आदिवासी नेता एक ही थाना क्षेत्र में जमीन खरीदने की बाध्यता को शिथिल करने की मांग कर रहे हैं। ऊपर से राज्य में जनजातीय समुदाय के लोगों की तरफ से दूसरे थाना क्षेत्र में जमीन खरीदने के मामले भी सामने आये हैं। अधिकतर ट्राइबल अधिकारियों ने राजधानी रांची के विभिन्न इलाकों में जमीन खरीदी है। इसको लेकर पूर्ववर्ती रघुवर दास सरकार के समय से ही इस क्लाउज में संशोधन करने की मांग होती रही है। सरकार की जनजातीय परामर्शदातृ समिति में भी इस बात को लेकर कई बार मंथन भी हुआ। अब जाकर अंतिम सहमति बनती दिख रही है। बताया जाता है कि सीएनटी एक्ट की धारा 46 से 49 तक जमीन खरीदने को लेकर नियम बनाये गये हैं। पर इन्हीं नियमों का सरासर उल्लंघन होता रहा।
राजधानी रांची में दूसरे जगहों के ट्राइबल लोगों ने जमीन खरीदी है, जो एक थाना क्षेत्र से अलग है। ऐसे में इनके द्वारा ही एक थाना क्षेत्र का मामला बार-बार उठाया जाता रहा है। अब सरकार के फैसले से उन सभी अधिकारियों, कर्मचारियों को फायदा मिल पायेगा, जिन्होंने दूसरी जगहों पर जमीन ली है। राज्य में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोरचा, कांग्रेस तथा अन्य दलों के नेता, विधायक तथा अन्य इस बातों को लेकर कई वर्षों से सरकार को सुझाव देते रहे हैं। कई तरह के आंदोलन भी इन पार्टियों की ओर से किये गये।