L19 DESK : सुप्रीम कोर्ट मे 20 सालों से लंबित पड़ी अराजपत्रित कर्मचारियों के वेतन भुगतान से जुड़े मामले की सोमवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के वक्त झारखंड के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह सशरीर उपस्थित थे। इस संबंध में पांच अक्टूबर को हुई सुनवाई के दौरान न्यायाधीश जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस राजेश बिंदल की खंडपीठ ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा था कि ऐसे संवेदनशील मामले में झारखंड मूकदर्शक बना हुआ है और इस मामले में किसी वकील को नियुक्त करने की भी परवाह नहीं कर रहा है। इसके बाद ही मुख्य सचिव की सशरीर उपस्थिति को लेकर कोर्ट ने निर्देश जारी किया था।
बता दे की शीर्ष अदालत ने इस मामले के समाधान को लेकर तीन सदस्यीय कमिटी बनाने का निर्देश दिया, कमिटी में झारखंड, बिहार और केंद्र सरकार के अवर सचिव रैंक के अधिकारी को रखने को कहा है। इस मामले में अगली सुनवाई अब सात नवंबर को होगी। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक यह कमिटी कोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता राजीव रंजन ने आगामी सुनवाई में मुख्य सचिव की व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट देने का आग्रह किया। जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। झारखंड सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन, अधिवक्ता प्रज्ञा सिंह बघेल और अधिवक्ता पल्लवी लांगर ने पक्ष रखा।