L19 DESK : नीति आयोग की बैठक आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हो रही है। इस बैठक में MSMEs, बुनियादी ढांचे और निवेश, महिला सशक्तिकरण, स्वास्थ्य और पोषण, कौशल विकास, और सामाजिक बुनियादी ढांचे जैसे मुद्दों पर चर्चा का उम्मीद है। सात राज्यों के मुख्यमंत्री ने इसका बहिष्कार किया है। ये सभी गैर बीजेपी शासित राज्य हैं। बैठक में शामिल नहीं होने वाले मुख्यमंत्रियों में दिल्ली के अरविंद केजरीवाल, पंजाब के भगवंत मान, पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी, बिहार के नीतीश कुमार, तेलंगाना के के चंद्रशेखर राव और तमिलनाडु के एमके स्टालिन शामिल हैं।
मुख्यमंत्रियों ने क्या कहा ?
अरविन्द केजरीवाल ने पत्र लिख कर कहा है कि पत्र लिखकर केंद्र के हालिया अध्यादेश पर नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करने की घोषणा की और आरोप लगाया कि देश में सहकारी संघवाद को मजाक बना दिया गया है।
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा है कि राज्य के वित्त मंत्री और मुख्य सचिव को भेजने के तृणमूल कांग्रेस नीत सरकार के अनुरोध को केंद्र ने ठुकरा दिया। इसी कड़ी में राज्य की वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा कि हमने केंद्र से अनुरोध किया था कि मुझे और मुख्य सचिव को बैठक में शामिल होने की अनुमति दी जाए क्योंकि ममता बनर्जी किसी अन्य काम में व्यस्त हैं, लेकिन केन्द्र ने इसकी मंजूरी नहीं दी, इसलिए बैठक में पश्चिम बंगाल का कोई प्रतिनिधि नहीं होगा।
मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उसी समय में पटना में उनका कार्यक्रम था। इसलिए वे वहां नहीं जा सके। इसकी सूचना उन्होंने केंद्र को भेज दी थी। उन्होंने यह भी कहा कि अगर वे नीति आयोग की बैठक में जाते तो बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग करते। साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर जाति आधारित जनगणना की बात भी रखते।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि केंद्र सरकार लगातार पंजाब के साथ भेदभाव कर रही है। इसलिए उन्होंने बैठक में हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया है। वहीं, ममता बनर्जी ने अपनी जगह वित्त मंत्री और मुख्य सचिव को बैठक में भेजने की इजाजत मांगी है।