L19 DESK : राज्य के उत्कृष्ट विद्यालयों के संचालन समिति के सदस्यों और शिक्षकों का राज्यस्तरीय सम्मेलन सोमवार को खेलगांव स्थित हरवंश टाना भगत स्टेडियम में आयोजित किया गया । कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा राज्य की शैक्षणिक व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए आज से हमने एक शुरुआत की है। यह शुरुआत तभी सफल होगा जब आप स्कूल संचालन समिति के सदस्य अपनी पूरी निष्ठा के साथ इसे संचालित करेंगे। उन्होंने स्कूल संचालन समिति के सदस्यों से कहा कि आप जैसे अपने घर के बच्चों पर ध्यान देते हैं, ठीक वैसे ही ध्यान इन 80 उत्कृष्ट विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों पर दें ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार व्यवस्था उपलब्ध करा सकती है। संसाधन दे सकती है। लेकिन उन संसाधनों का सही तरीके से दोहन किया जा सके इसके लिए स्कूल संचालन समिति की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। हमने पहले चरण में 80 उत्कृष्ट विद्यालयों के लिए संसाधनों से युक्त किया है। आने वाले दिनों में जब यह स्कूल बेहतर परफॉर्मेंस देंगे तब इन्हें उदाहरण मानते हुए हम प्रखंड स्तर तक के स्कूलों को उत्कृष्ट विद्यालय के रूप में बदलेंगे। उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि ऐसा नहीं है कि हमने बस शुरुआत कर दी है। हमारी नजर इन उत्कृष्ट विद्यालयों पर होगी। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि आने वाले दिनों में मैं खुद इन स्कूलों का औचक निरीक्षण करूंगा। समय-समय पर विभाग के अधिकारी भी स्कूल जाएंगे।
अब हॉस्टल युक्त होंगे स्कूल
राज्य की शैक्षणिक स्थिति देश के दूसरे राज्यों के मुकाबले कमजोर जरूर है लेकिन अब ऐसी नहीं होगी। आने वाले दिनों में जो स्कूल उत्कृष्ठ विद्यालय बनाए जाएंगे वहां न केवल पढ़ाई होगी बल्कि वहां हॉस्टल सुविधा भी दी जाएगी। इसके अतिरिक्त अब स्टूडेंट्स के साथ-साथ स्कूलों के बीच भी प्रतियोगिता कराई जाएगी। वैसे विद्यालय जहां हॉस्टल की सुविधा होगी, वहां बेहतर प्रदर्शन करने वाले बच्चों का ही एडमिशन होगा। इन स्कूलों के बच्चों को शिक्षकों के साथ दूसरे राज्य भी भेजे जाएंगे ताकि वह समझ सके कि हम अन्य राज्यों से कितने पिछड़े हैं या दूसरे राज्यों से हमें क्या कुछ सीखना है।
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि शैक्षणिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए हमें मिशन मोड में काम करना होगा। हम निश्चित रूप से पीछे हैं लेकिन जो गैप रह गया है उस गैप को खत्म करना होगा। उन्होंने कहा कि राज्य के स्कूलों में कॉन्ट्रैक्ट, मानदेय जैसे मोड में शिक्षकों की नियुक्तियां हो रही हैं। समय के अनुसार इनकी जरूरतों को भी पूरा किया जाएगा। स्कूल बेहतर बने इसके लिए तमाम संसाधनों को पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने आश्वस्त करते हुए कहा कि राज्य के कर्मचारियों को अपनी मांगों के लिए आंदोलन करने की जरूरत नहीं है। आपकी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए हम विभागीय स्तर पर अक्सर बातचीत करते रहते हैं। जो कुछ भी कानून सम्मत बन पाएगा उसे पूरा किया जाएगा।
झारखंड शिक्षा परियोजना निदेशक किरण पासी ने आयोजन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह राज्य सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इन स्कूलों में सीबीएसई पैटर्न पर पढ़ाई कराई जाएगी। यह स्कूल बारहवीं तक संचालित होंगे । इन स्कूलों में वर्तमान वे सारी सुविधाएं होंगी जो किसी निजी स्कूल में होती हैं। 80 स्कूलों में 24 जिला स्कूल, 24 बालिका विद्यालय, 24 कस्तूरबा बालिका आवासीय विद्यालय और 7 मॉडल इंग्लिश स्कूल शामिल हैं। स्कूलों के संचालन के लिए स्कूल संचालन समिति के अध्यक्ष को ट्रेनिंग भी दी गई है। यह 1 साल की ट्रेनिंग कराई गई है। आने वाले दिनों में इसे पूरा किया जाएगा।
स्कूली शिक्षा और साक्षरता सचिव के रवि कुमार ने कहा कि उत्कृष्ट विद्यालयों का संचालन स्कूल मैनेजिंग कमिटी पर निर्भर करेगा। स्कूल के डेवलपमेंट के लिए इनकी भूमिका अहम होगी। तमाम सुविधाएं देने के लिए हमने प्रयास कर दिए हैं। जल्दी स्कूल में गार्ड, स्वीपर और माली की नियुक्ति होगी। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य के सभी पंचायतों में इस तरह के उत्कृष्ट विद्यालय खोले जाएंगे। उन्होंने कहा किसी भी स्थिति में पढ़ाई नहीं छोड़ना है। गरीबों के विकास से ही राज्य का विकास संभव होगा। संसाधन कभी भी पढ़ाई के आड़े न आए, इसका ध्यान रखना है