- छत्तीसगढ़ शराब सिंडिकेट के सिद्धार्थ सिंघानिया का पैसा लगा है रांची के वाइन बनानेवाली कंपनी श्रीलैब ब्रिवरीज में
- उमाशंकर सिंह हैं एमडी, रामाशंकर प्रसाद हैं पार्टनर
- पलामू में देशी ब्रांड टंच के 850 पेटी बरामद होने पर भी नहीं हुई कार्रवाई
- देशी शराब की झारखंड में किल्लत, पर दूसरे राज्यों में भेजी जा रही है लगातार खेप
- श्रीलैब समेत ट्रैक ड्राइवर और खलासी पर हो चुकी है प्राथमिकी
- श्रीलैब को सील करने की कार्रवाई धीमी, विभाग के ही कुछ लोग बचाने में लगे
L19 Desk : झारखंड में नयी उत्पाद नीति के बहाने छत्तीसगढ़ का शराब सिंडिकेट पूरी तरह हावी हो गया है । इस सिंडिकेट के सबसे बड़े फायनांसर सिद्धार्थ सिंघानियां ने तो रांची के एक वाइन ब्लेंडिंग यूनिट (शराब बनानेवाले कारखाने) में अपना पैसा भी लगा रखा है । यह शराब फैक्टरी राजधानी के टाटीसिलवे में है और यहां से टंच नामक देशी शराब का ब्रांड बनाया जाता है । टंच राज्य के बाहर सप्लाई हो रहा है । वह भी धड़ल्ले से. इसका खुलासा इसलिए संभव हो पाया क्योंकि गलती से एक ट्रक लोड देशी शराब की खेप पलामू में पकड़ी गयी । इसके बाद पलामू में प्राथमिकी भी दर्ज करायी गयी । पर अब तक श्रीलैब ब्रीवरिज पर कार्रवाई तक नहीं हुई । कार्रवाई नहीं होना अपने आप में कई सवालों को जन्म दे रहा है ।
राजधानी के टाटिसिलवे फेज-2 में अवस्थित श्रीलैब ब्रीवरिज प्राइवेट लिमिटेड में छत्तीसगढ़ के बड़े शराब व्यापारी सिद्धार्थ सिंघानिया का पैसा लगा हुआ है । इस ब्रीवरिज में देशी शराब की ब्रांड टंच का प्रोडक्शन होता है । श्रीलैब ब्रीवरिज में सिद्धार्थ सिंघानिया ने दो करोड़ रुपये से अधिक की राशि लगायी है । इसमें रांची के रामाशंकर प्रसाद, जो पार्क इन नामक होटल के संचालक हैं औऱ पूजा रेस्टूरेंट भी इनके नाम से है । इसके अलावा उनके पार्टनर उमाशंकर सिंह श्रीलैब ब्रीवरिज के प्रबंध निदेशक हैं । सिद्धार्थ सिंघानिया के चाचा श्रीलैब ब्रीवरीज में बैठते हैं और सारा गलत-सही काम को प्रत्यक्ष रूप से देख रहे हैं ।
जानकारी के अनुसार रांची के ही पंजाबी ढाबा के संचालक का पैसा भी लगा हुआ है. हम आपको यह इसलिए बता रहे हैं कि इस ब्रीवरीज से उत्पादित होनेवाली देशी ब्रांड की शराब का अवैध कारोबार झारखंड से हो रहा है । सिद्धार्थ सिंघानिया से जुड़ी सुमीत फैसिलिटिज और अन्य कंपनियां यहां मैनपावर एजेंसी का काम कर रही हैं, जो देशी शराब और अंगरेजी शराब की खेप खुदरा दुकानों तक पहुंचाने के अलावा राजस्व वसूली का काम भी कर रही हैं ।
पलामू में नवंबर 2022 को श्रीलेब ब्रीवरिज पर पलामू में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है । श्रीलैब ब्रीवरिज के टंच ब्रांड की 850 पेटी शराब एक ट्रक जिसका नंबर डब्ल्यूबी 41 जे-6990 था, जब्त किया गया. बरामद की गयी शराब सात हजार तीन सौ 44 लीटर थी. इस बाबत 14 ऑफ 2022-23 के तहत पलामू में चालक दीपक कुमार और जयप्रकाश कुमार पर प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी। इनका बयान भी आइपीसी की धारा 164 के तहत उत्पाद विभाग की तरफ से दर्ज कराया गया है। 26 नवंबर को यह ट्रक पलामू में पकड़ी गयी थी. बताते चलें कि राज्य भर में देशी शराब क भारी किल्लत है।
पर शराब सिंडिकेट की तरफ से बिहार तथा अन्य पड़ोसी राज्यों में शराब भेजा जा रहा है। पलामू जिले की उत्पाद नीरिक्षक विमला लकड़ा ने देर रात एक बजे शराब भरे ट्रक को पकड़ा था। एक महिला एक्साइज दरोगा की मेहनत पर विभाग के ही कुछ बड़े अधिकारी और शराब के सिंडिकेट पानी फेरने में लगे हैं। जानकारों का कहना है कि इसके पीछे बड़े लोगों का हाथ है, जो शराब सिंडिकेट राज्य भर में चला रहे हैं और सरकार पर उनकी अच्छी पकड़ भी है।
झारखंड राज्य शराब वक्रेता संघ ने इस संबंध में श्रीलैब ब्रीवरिज को सील करने की मांग भी की। पर अब तक श्रीलैब ब्रीवरिज को सील करने की दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की गयी। झारखंड राज्य के उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के संयुक्त आयुक्त के अनुसार कंपनी से पूरे मामले पर स्पष्टीकरण मांगा गया है। पूरे मामले की जांच सहायक आयुक्त राकेश कुमार को दी गयी थी। वह फिलहाल छुट्टी पर हैं। श्रीलैब ब्रीवरिज को तत्कालीन उत्पाद आयुक्त भोर सिंह के कार्यकाल में सील किया गया था।
पिछले वर्ष इस ब्रीवरिज को दुबारा खुलवाया गया। फिर यहां से अवैध शराब का धंधा शुरू हो गया। सरकार को यह बताया जा रहा है कि देशी ब्रांड की शराब दुकानों तक नहीं पहुंच रही हैं, वहीं दूसरी जगह देशी शराब ब्रांड टंच का अवैध कारोबार किया जा रहा है। सुमीत फैसिलिटिज से जुड़े विकास अग्रवाल का कहना है कि तीन चार और ब्रीवरिज की जरूरत है, तभी शराब की मांग झारखंड में पूरी हो सकती है।