Article:क्या जयराम महतो हो रहे हैं भाजपा में शामिल? क्या जयराम महतो भाजपा के साथ मिलकर लड़ेंगे झारखंड का विधानसभा चुनाव ? क्या जयराम के भाजपा में शामिल होने से आजसू को हो सकता है बड़ा नुकसान ? ऐसी खबरें बीते कुछ दिनों से सुर्खियों में है। सूत्रों के हवाले से ये जानकारी मिल रही है कि जयराम महतो जल्द ही भाजपा के शीर्ष नेताओं के साथ दिल्ली में बैठक भी कर सकते हैं। हालांकि, इस खबर की अब तक पुष्टि नहीं हुई है। लेकिन अगर ऐसा हुआ, तो एनडीए की घटक दल आजसू को बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। बीते दिनों ये खबर आयी थी कि जयराम महतो की पार्टी जेबीकेएसएस को राजनीतिक दल के रूप में मान्यता मिलने के साथ ही एक बड़ी राष्ट्रीय पार्टी से तालमेल कर चुनाव लड़ने का ऑफर मिला है। इसकी जानकारी खुद जयराम महतो ने सिल्ली विधानसभा क्षेत्र में पिछले दिनों एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान दी थी। उन्होंने बताया कि एक राष्ट्रीय राजनीतिक दल की ओर से उन्हें ऑफर मिला है। इस दल के संगठन महामंत्री की ओर से उन्हें तालमेल कर सात-आठ सीटों पर चुनाव लड़ने का ऑफर दिया गया है। इसके एवज में चुनाव प्रचार के लिए हेलीकॉप्टर और अन्य खर्च उपलब्ध कराने का भरोसा भी दिलाया गया है। साथ ही विधानसभा चुनाव में जीत मिलने और सरकार गठन होने पर दो सदस्यों को मंत्री पद का भी ऑफर दिया गया है।
अब भले ही जयराम महतो ने अपने बयान में ऑफर देने वाले राजनीतिक दल के नाम का खुलासा नहीं किया हो, लेकिन उनका इशारा साफ तौर से भाजपा पर ही था। राजनीतिक जानकारों का भी मानना है कि जयराम ने अपने वक्तव्य में जिस संगठन महामंत्री का जिक्र किया, उसका सीधा ताल्लुक भाजपा से है, क्योंकि इस तरह का कोई पद कांग्रेस, जेएमएमय या आजसू पार्टी में नहीं है। हालांकि, बीजेपी के किसी भी नेता ने फिलहाल जयराम महतो के साथ तालमेल वाली बात पर कोई टिप्पणी नहीं की है। पार्टी ने इस पर मुहर भी नहीं लगाया है। हालांकि, इन तमाम चर्चाओं के बीच आजसू की टेंशन बढ़ती नजर आ रही है। क्योंकि जयराम महतो के चुनावी मैदान में दावा ठोकने से सबसे बड़ा खतरा आजसू को ही है। दरअसल, आजसू और जयराम महतो की पार्टी जेबीकेएसएस कुर्मियों की पार्टी मानी जाती है। दोनों ही कुर्मियों के बीच अच्छी पैठ जमाये हुए है। इसका पता हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव से भी लगाया जा सकता है। आजसू जिसके खाते में मात्र 1 सीट आय़ी, इस पर भी पार्टी ने कुड़मी चेहरे को ही लड़वाया। गिरिडीह लोकसभा सीट से चंद्रप्रकाश चौधरी ने आजसू की टिकट पर चुनाव लड़कर पार्टी को जीत दिलायी। यही नहीं, पार्टी के प्रमुख सुदेश महतो राज्य के बड़े कुड़मी चेहरों में शुमार हैं। ठीक ऐसा ही जयराम महतो के भी साथ है। लोकसभा चुनाव के दौरान निर्दलीय मैदान में कूदने वाले जयराम महतो को 90% वोट कुर्मियों का ही मिला। भले ही वह चुनाव जीतने में नाकामयाब रहे, लेकिन उन्हें कुड़मी बहुल इलाकों से अच्छा रिसपॉन्स मिला। हालांकि, अगर इस बार के झारखंड विधानसभा चुनाव में अगर जेबीकेएसएस भाजपा या किसी अन्य दल के साथ गठबंधन नहीं करती है, तो पार्टी 50-60 सीटों पर अपने प्रत्याशियों को उतारेगी। जेबीकेएसएस की ओर से 28 जुलाई को पार्टी के सभी जिलाध्यक्षों और केंद्रीय कमिटी के पदाधिकारियों की एक महत्वपूर्ण बैठक बुलायी गयी है, जिसमें, आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर रणनीति पर चर्चा होगी। बताया जा रहा है कि समान विचारधारा वाले कुछ राजनीतिक दलों के साथ सीटों के तालमेल पर भी विचार हो सकता है। अभी कई विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी टिकट पर चुनाव लड़ने वाले 7 से 8 उम्मीदवारों की दावेदारी पेश की जा रही है। पहले चरण में सभी संभावित उम्मीदवारों पर विचार-विमर्श कर दो से तीन उम्मीदवारों की लिस्ट बनाई जाएगी। जिसके बाद केंद्रीय समिति की ओर से उस पर मुहर लगाई जाएगी
जयराम महतो को बीजेपी का ऑफर?
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