L19 Desk : हर माँ-बाप की चाहत रहती है कि उनके बच्चों की जो भी ख्वाहिशे हैं वो पूरा करें,लेकिन बच्चों के अभिभावक को इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि उनके बच्चे किस चीज की डिमांड कर रहे हैं ताकि आगे चलकर कोई भयानक परिणाम देखने को ना मिले?ये सारी बातें इसलिए उठ रहे हैं क्यूंकि ऐसा ही एक मामला जमशेदपुर के सीतारामडेरा से निकलकर आ रहा है, जहाँ नौंवी कक्षा का एक छात्र अपने बाइक से स्टंट करने के दौरान अपने ही स्कूल की 5 छात्राओं को धक्का मारके गंभीर रूप से घायल कर दिया।
क्या है पूरा मामला विस्तार से पढिए :–
जमशेदपुर के सीतारामडेरा थाना के समीप मुख्य सड़क पर बीते कल 5 फरवरी को स्टंटबाजी कर रहे एक छात्र की बड़ी करतूत सामने आई है। दरअसल बीते कल बुधवार की सुबह सीतारामडेरा थाना क्षेत्र के अंतर्गत मुख्य सड़क से होते हुए भालूबासा आदिवासी जनकल्याण उच्च विद्यालय की छात्राएं स्कूल जा रही थी, इसी दौरान बाइक से स्टंटबाजी और स्पीड ड्राइविंग कर रहे एक छात्र ने स्कूल जा रही 5 छात्राओं को सड़क पार करने के दौरान टक्कर मार दी जिससे सभी छात्राएं गंभीर रूप से घायल हो गई।
वहीँ घायल छात्राओं में भुइयांडीह ग्वाला बस्ती निवासी कक्षा 8वीं की छात्रा प्रिया कुमारी, 11वीं की छात्रा अष्टमी कुमारी,बिरसानगर जोन नंबर 8 की शालू कुमारी, बाबुडीह ग्वाला बस्ती की कक्षा 11वी की छात्रा रेशमी कुमारी और कक्षा 11वी की एक और छात्रा सुरभि कुमारी शामिल है। जिसमें रेशमी कुमारी का एक हाथ और पैर टूट गया है। जबकि अन्य छात्राओं को सिर,हाथ-पैर और शरीर के अन्य हिस्सों में चोटें आयी है,जिनको घायल अवस्था में स्थानीय लोगों के द्वारा MGM अस्पताल पहुँचाया गया।
वहीँ इस हादसे पर स्थानीय लोगों का कहना है की यह टक्कर इतना जोरदार था कि छात्राएं सड़क पर गिर गईं थी और बाइक से धक्का मारने वाला छात्र भी वहीँ गिर गया, जिसे आस-पास के लोगों ने पकड़ कर सीतारामडेरा थाना पुलिस को सौंप दिया.जहाँ पता चला की बाइक चालक छात्र भी आदिवासी प्लस टू हाई स्कूल का ही छात्र है,जो अपने एक स्थानीय साथी के साथ सड़क पर बाइक से स्टंट कर रहा था। इसी क्रम में उसने स्कूल जा रही इन छात्राओं को टक्कर मार दी।
सूत्रों के अनुसार इस मामले में सीतारामडेरा थाना प्रभारी विनय मंडल ने बताया कि बाइक स्टंट करने वाला यह छात्र नाबालिग है और उसकी बाइक को जब्त कर लिया गया है, जिसका MVI कराया जाएगा.वहीँ छात्र को न्यायालय में प्रस्तुत करने के बाद, न्यायालय के आदेशानुसार ही आगे की कार्रवाई की जायेगी।
खैर कार्रवाई की जायेगी या नहीं की जायेगी ये तो बाद की बात है लेकिन यहाँ सवाल करने वाली बात तो यह है की कैसे कोई माँ-बाप 9वीं की कक्षा में पढाई कर रहे अपने नाबालिग बच्चे को बाइक दे सकते हैं? क्या उन्हें अपने बच्चे की कोई फिकर नहीं? या बेटे के प्यार में सब मोह-माया को त्याग कर गाड़ी का चाभी थमा दिया? जरुर सोचियेगा ? वहीँ स्कूल में पढने वाले इस छात्र को क्या कभी भी किसी ने स्कूल कैम्पस पर बाइक के साथ नहीं देखा है? और अगर देखा है तो तुरंत इस पर क्यूँ नहीं रोक लगाया गया ? अगर तुरंत कुछ एक्शन लिया जाता तो शायद इस तरह के घटना को रोका जा सकता था।