L19 DESK : झारखंड में सरकारी नौकरी लेना चाहते हैं, तो अब आपको ज्यादा मशक्कत करने की जरूरत नहीं है. अब आपको बस अपने परिवार या रिश्तेदारों में टैलेंटेड लोगों की तलाश करनी है, कौन ज्यादा पढ़ाकू है, कौन रटने में ज्यादा माहिर है, कौन ज्यादा स्पीड से लिख सकता है, कौन ज्यादा तेज़ दौड़कर Physical Exam क्लीयर कर सकता है, इत्यादि. इन सबको बस आपको इकट्ठा करना है, और अपनी-अपनी परीक्षा के योग्यता के अनुसार, अपने दोस्तों रिश्तेदारों को बिठा देना है. इसे उदाहरण से ऐसे समझिये कि आपका पुलिस, दारोगा या चौकीदार, होमगार्ड का एग्जाम है, जिसके लिए आपको शारीरिक दक्षता की परीक्षा क्लीयर करनी है. अब क्योंकि आप इस फिजिकल एग्जाम को क्लीयर करने पाने में सक्षम नहीं हैं, तो चिंता करने जैसी कोई बात नहीं है, आपके दोस्त या रिश्तेदार जो बहुत तेज़ दौड़ते हैं, वह आपकी जगह पर दौड़ लगाकर फिजिकल एग्जाम क्लीयर कर सकते हैं. आपको मेहनत करने की कोई जरूरत नहीं पड़ेगी, न ही आपको उत्पाद सिपाही जैसे दौड़ में अपनी जान गंवानी की आवश्यकता होगी. आपको यकीन नहीं हो रहा है, आप बिल्कुल रिसेंटली कंडक्ट हुए चौकीदार भर्ती परीक्षा का ही उदाहरण ले सकते हैं, जहां पर कई अभ्यर्थियों ने अपनी जगह पर अपने-अपने रिश्तेदारों को दौड़ा दिया.
मामला दरअसल, पलामू का है, जहां पर इस बड़े भर्ती फर्जीवाड़ा को अंजाम दिया गया है. दौड़ परीक्षा में 11 अभ्यर्थियों ने धोखाधड़ी करने का प्रयास किया, जिसका खुलासा वीडियोग्राफी की जांच में हुआ. इनमें से 8 अभ्यर्थियों ने अपनी जगह रिश्तेदारों और दोस्तों को दौड़ में भेजा, 2 अभ्यर्थी बीच ट्रैक से लौट गये, और एक अभ्यर्थी डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन में अनुपस्थित रहा. जिला प्रशासन ने अब ऐसे 11 फर्जी अभ्यर्थियों की पहचान कर ली है और अब उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है. पलामू डीसी शशिरंजन ने कार्यपालक दंडाधिकारी विक्रम आनंद को निर्देश दिया है कि इन सभी पर FIR दर्ज कराई जाए.
दरअसल, चौकीदार भर्ती प्रक्रिया के दौरान पलामू जिला प्रशासन ने दौड़ की वीडियोग्राफी कराई थी. 15 से 17 जनवरी तक सफल अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों और वीडियो रिकॉर्डिंग की जब जांच की गई, तो गड़बड़ी सामने आई. इस दौरान पता चला कि डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन कराने आए कुछ अभ्यर्थी वीडियो में मौजूद व्यक्ति से बिल्कुल अलग थे. उसके बाद 8 अभ्यर्थियों ने लिखित में स्वीकार भी किया कि उनकी जगह कोई और दौड़ा था. धोखाधड़ी करने वाले इन 8 कैंडिडेट्स में सुरेंद्र कुमार, दिनेश चौधरी, विवेक कुमार यादव, मनोहर यादव, संदीप कुमार यादव, आनंद कुमार, विकास यादव और अरविंद यादव शामिल हैं. वहीं, 2 अभ्यर्थी – रवींद्र साहू और प्रियांशु शेखर तिवारी दौड़ के बीच में ही ट्रैक से लौट गए जबकि सुरेंद्र उरांव दस्तावेज जांच में मौजूद नहीं था, अब इन सभी 11 अभ्यर्थियों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
बता दें कि इस भर्ती में कुल 155 पदों के लिये 125 अभ्यर्थी सफल हुए हैं. कुछ समय पहले ये भर्ती परीक्षा विवादों में भी रही, क्योंकि इसके भर्ती प्रक्रिया में काफी असंवेदनशीलता बरती गयी थी. चौकीदार भर्ती प्रक्रिया में सफल हुए दिव्यांग अभ्यर्थियों को 6 मिनट में 1600 मीटर दौड़ने का निर्देश दिया गया था, जिसके बाद विभाग की नियमावली पर सवाल खड़े होने लगे. बीते 15 जनवरी 2025 को गिरिडीह स्टेडियम में आयोजित इस परीक्षा के बाद कई अभ्यर्थियों ने जिला अधिकारी से न्याय की गुहार भी लगाई थी. बहरहाल, अब देखना होगा कि चौकीदार भर्ती प्रक्रिया मामले में जांच के बाद और कितने अभ्यर्थी दोषी पाये जाते हैं, और उनपर आगे कार्रवाई क्या होती है.