L19desk : झारखंड राज्य खनिज विकास निगम के बालू प्रभारी अशोक कुमार एक निम्न वर्गीय लिपिक हैं । अशोक कुमार को अवैध माइनिंग किंग के रूप में जाना जाता है । इन पर देवघर, पलामू, गढ़वा समेत कई जिलों में अवैध बालू उत्खनन कराने का गंभीर आरोप है ।
इसमें उन पर माइनिंग डेवलपमेंट आर्डर (एमडीओ) को लेकर अवैध उत्खनन को लेकर सारे हथकंडे अपनाये जाते रहे हैं ।
बालू उत्खनन की अवैध वसूली में से एक मोटी रकम अइएएस पूजा सिंघल के पास भी पहुंचता था । प्रवर्तन निदेशालय के रडार में जेएसएमडीसी के कई कर्मी हैं ।
वैसे भी पलामू, रांची, दुमका और साहेबगंज के जिला खनन पदाधिकारियों को सरकार की तरफ से स्पष्टीकरण मांगा गया था । रांची के हरमू हाउसिंग कालोनी में रहने वाले अशोक कुमार एक सिंडिकेट के जरिये अवैध बालू खनन कराते थे । इनके बारे में जेएसएमडीसी का कोई भी शख्स कुछ भी बोलने से हिचक रहा है ।
बालू प्रभारी अशोक कुमार के सिंडीकेट में रंजीत कुमार, संजीव कुमार, डीएमओ देवघर राजेश कुमार, डीएमओ पलामू, डीएमओ दुमका, डीएमओ साहेबगंज, डीएमओ गढ़वा, रंजन प्रसाद और मो अबदुल्ला नामक व्यक्ति शामिल हैं । यह सिंडिकेट पैसे के बल पर हाईवा, पोकलेन और हेवी मैकेनिकल वाहनों से नदियों से बालू का अवैध उत्खनन करता था।
सिंडिकेट को नेशनल ग्रीन ट्रीब्यूनल (एनजीटी) और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की कोई परवाह नहीं थी । 2017 में सरकार ने बालू घाटों का संचालन का जिम्मा झारखंड राज्य खनिज विकास निगम को सौंप दिया था । जेएसएमडीसी राज्य सरकार के खान एवं भूतत्व विभाग की एजेंसी है । इसलिए इस पर अधिकतर जिलों में प्रशासन के स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती थी ।
जेएसएमडीसी की तरफ से सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी की रोक के बाद भी 15 अक्तूबर 2019 को शिवम धीर नामक कांट्रैक्टर को जेएसएमडीसी ने रानीगंज सैंड माइंस के लिए एमडीओ नियुक्त किया । 6 जनवरी 2022 को शिवम धीर का एग्रीमेंट बालू प्रभारी अशोक कुमार ने रद्द कर दिया ।
रंजीत सिंह नामक एक बड़े बालू कारोबारी के कहने पर यह काम किया गया, जिसके एवज में बड़ी रकम पहुंचायी गयी. 5 जनवरी 2022 को यही बालू घाट मो. अबदुल्ला को दे दिया गया । रानीगंज सैंड माइनिंग क्षेत्र में मो. अबदुल्ला ने पोकलेन, हाईवा और अन्य उपकरणों के जरिये बालू खनन शुरू कर दिया ।
इसके लिए बालू प्रभारी अशोक कुमार ने किसी प्रकार की निविदा नहीं निकाली । पूर्व के कांट्रैक्टर का समझौता भी रद्द कर दिया । रानीगंज सैंड माइंस के लिए मेसर्स राजन प्रसाद को जेएसएमडीसी से चालान दिया जाता रहा है ।
यह सिलसिला अब भी जारी है । ये राजन प्रसाद बिहार के मधेपुरा के रहने वाले हैं, जिनका बालू ट्रांसपोर्टेशन का बड़ा कारोबार है । इनके बारे में यह बताया जाता है कि ये कारोबारी रंजीत सिंह के करीबी हैं । जेएसएमडीसी के अशोक कुमार ने अवैध बालू उत्खनन का चालान जिला खनन पदाधिकारी पलामू संजीव कुमार और डीएमओ रांची की मदद से चालान की प्रति धड़ल्ले से जारी की ।
31 जनवरी 2022 को पत्रांक संख्या 13 के जरिये एक आदेश जेएसएमडीसी के बालू प्रभारी ने निकाला कि माइनिंग के लिए किसी प्रकार की मैकेनिकल उपकरणों अथवा तकनीकी उपकरणों का इस्तेमाल किया जायेगा ।इसके बाद पत्रांक 14, दिनांक दो फरवरी 2022 को इस पत्र को विलोपित कर दिया गया ।
कई शिकायतें भी एनजीटी तक पहुंची की जेएसएमडीसी की ओर से संचालित बालू घाटों में हेवी उपकरणों का इस्तेमाल किया जा रहा है । इस पर एनजीटी की तरफ से दुमका की शिकायत पर जिला प्रशासन की रिपोर्ट पर नाराजगी भी व्यक्त की थी ।
आइएएस पूजा सिंघल और खान निदेशक के खिलाफ बालू के अवैध उत्खनन का मामला उठाया था । इस खेल में जहां खान निदेशक ने राजमहल ट्रेडर्स को जामताड़ा में आवंटित मौजा मजालो के दो बालू घाटों का बंदोबस्ती इसलिए रद्द कर दिया, क्योंकि उन्हें समय पर फारेस्ट क्लीयरेंस नहीं मिला ।
इतना ही नहीं जामताड़ा के अजय नदी स्थित राम कुमार सिंह के बालू घाट की बंदोबस्ती भी रद्द कर दी गयी । इसके विपरीत गढ़वा में मेसर्स गंगा कावेरी कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड को साढ़े छह वर्ष बाद मिले पर्यावरण क्लीयरेंस को मान्य करते हुए खोखा सैंड माइनिंग प्रोजेक्ट से बालू उठाव की अनुमति दे दी गयी ।
सूत्रों का कहना है कि पेपर वेट इतना अधिक भारी था कि इसको लेकर वन और पर्यावरण विभाग के प्रावधान भी क्षांत हो गये । इसको लेकर 15 करोड़ रुपये के लेन देन होने की बातें कही जा रही हैं, जो आइएएस अधिकारी पूजा सिंघल से लेकर गढ़वा डीसी रमेश घोलप, खान निदेशक अमित कुमार और जिला खनन पदाधिकारी तक पहुंचे ।
जेएसएमडीसी के पूर्व एमडी और खान सचिव के श्रीनिवासन के काफी करीबी थे । अशोक कुमार के श्रीनिवासन के छोटे से कार्यकाल के कारनामों को लेकर निर्दलीय विधायक सरयू राय ने भी शिकायत की थी । जानकारी के अनुसार बालू में ई-चालान और ट्रांसपोर्टेशन की व्यवस्था इन्होंने शुरू की थी । सितंबर 2020 में ये खान सचिव बने थे । एक साल तक खान सचिव रहते हुए जेएसएमडीसी के एमडी भी थे । 2017 के बाद से जहां बालू घाटों का जिम्मा जेएसएमडीसी के पास था । उस समय से अशोक कुमार की तरफ से बालू का अवैध खेल खेला जाता रहा ।
रिपोर्ट; दीपक कुमार सिंह