राजधानी रांची में हुए जमीन घोटाले की जांच में अबतक का सबसे बड़ा खुलासा हुआ। सेना के उपयोग वाली 4.55 एकड़ व चेशायर होम रोड की एक एकड़ जमीन की अवैध तरीके से खरीद-बिक्री मामले में मनी लांड्रिंग के तहत जांच के दौरान ईडी ने बड़ा जालसाजी उजागर किया है। रांची से लेकर कोलकाता तक के जालसाजों के बड़े नेटवर्क को पकड़ा, जो किसी भी मूल दस्तावेज, मूल डीड में हेराफेरी कर देते थे। इसी जांच के दौरान ईडी ने जालसाजों के सरगना बरियातू के अफसर अली उर्फ अफ्सू खान सहित अन्य गिरफ्तार आरोपितों के ठिकानों से ऐसे 36 डीड बरामद किए थे, जिसमें फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ था। जांच के बाद पता चला है कि फर्जी कागजात के जरिए सैकड़ों एकड़ जमीन का सौदा रांची में हुआ।
कोलकाता के रजिस्ट्रार ऑफ एश्योरेंस ने ईडी के पत्र के बाद जमीन के 36 डीड की जांच की जो फर्जी निकले। ईडी अब इस मामले में नए सिरे से केस दर्ज कर जांच शुरू करेगी। इस पूरे मामले में ईडी के रडार पर अब राजस्व विभाग के अधिकारी तथा कर्मी भी होंगे। बताया जा रहा है कि इन्हीं डीड के आधार पर रांची में सैकड़ों एकड़ जमीन का सौदा हुआ। अधिकांश जगह लोग भवन निर्माण भी कर चुके हैं। बीते 13 व 26 अप्रैल को ईडी ने छापेमारी की थी, तब अफसर अली, भानु प्रताप व अन्य आरोपियों के मोबाइल से ये डीड व जमीन के कागजात मिले थे।
ईडी ने डीड की जांच के लिए कोलकाता के रजिस्ट्रार ऑफ एश्योरेंस को पत्र लिखा था। इसके बाद कोलकाता में मामले की जांच के लिए चार सदस्यीय कमेटी बनायी तैयार की गई। कमेटी ने सारे डीड फर्जी पाए, इसके बाद मामले में कोलकाता के हेयर स्ट्रीट थाने में 26 जून को एफआईआर दर्ज की गई। इससे पहले भी 10 मई को हेयर स्ट्रीट थाने में फर्जीवाड़े का केस किया गया था। इसमें अज्ञात आरोपियों पर आईपीसी की धारा 120 बी, 465, 467, 468, 471, 420 के तहत मामला दर्ज हुआ है। इस केस को ईडी ने अपने केस के साथ जोड़ लिया था। अब 26 जून वाले केस को भी ईडी ने जोड़ा है।
फर्जीवाड़े की हुई है पुष्टि,ये हैं 36 डीड
डीड नंबर 1155/1940, 1716/1945, 408/1938, 1731/1943, 342/1978, 127/1979, 619/1966, 3985/1940, 184/1948, 31/1952, 2741/1942, 3219/1935, 11022/1980, 2736/1940, 2660/1939, 3954/1974, 149/1944, 149/1944, 1855/1943, 4757/1938, 7181/1964, 6182/1963, 171/1942, 4403/1974, 1219/1941, 5714/1969, 14244/1984, 14244/1984, 4812/1938, 2384/1940, 1531/1945, 787/1976, 9877/1974, 6109/1975, 3328/1939 व 2861/1951 है।
रांची में जमीन घोटाले को लेकर ईडी ने पूर्व में बरियातू में दर्ज केस के आधार पर ईसीआईआर की था। इसकी जांच में ही ईडी ने फर्जीवाड़ा करने वाले गिरोह के अफसर अली समेत अन्य को गिरफ्तार किया था। रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन, कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल भी जेल में हैं। अब ईडी मुख्यालय ने कोलकाता के हेयर स्ट्रीट थाने में दर्ज केस में नया ईसीआईआर करने का फैसला लिया है। इससे पूर्व दर्ज केस को ईडी ने बरियातू में दर्ज ईसीआईआर का ही हिस्सा बनाया था।
रांची जेल में बंद मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपियों को अनुचित लाभ देने के केस में ईडी ने जेल अधीक्षक हामिद अख्तर की भूमिका संदिग्ध पाई है। शुक्रवार को ईडी ने बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा के अधीक्षक हामिद अख्तर और जेलर नसीम खान से पूछताछ की। पूछताछ के क्रम में हामिद से ईडी अधिकारियों ने गलत फुटेज के विषय पर सवाल पूछे। तब हामिद ने कहा कि उसे लगा था कि जेल में बंद अमित अग्रवाल से जुड़ा फुटेज मांगा गया है। ईडी अधिकारियों ने हामिद से पूछा कि जेल प्रशासन को भेजे पत्र में साफ तौर पर जून से नवंबर 2022 तक के फुटेज मांगे गए थे। इस दौरान अमित जेल में नहीं था। तब क्यों उस अवधि का फुटेज नहीं दिया गया।
प्रेम प्रकाश व छवि रंजन की मुलाकात को लेकर दोनों ने एक जमादार की भूमिका की जानकारी दी है। प्रेम व पूजा को बचाने की कोशिश ईडी अधिकारियों ने पूछताछ में यह निष्कर्ष निकाला है कि सही फुटेज नहीं देकर जेल अधीक्षक ने जेल में बंद प्रेम प्रकाश व निलंबित आईएएस पूजा सिंघल की मदद की। ऐसे में ईडी अब केस को प्रभावित करने व साक्ष्यों को नष्ट करने को लेकर हामिद अख्तर पर कार्रवाई कर सकती है।