L19/Ranchi : राजधानी रांची का संजीवनी बिल्डकोन घोटाला एक नामी-गिरामी फ्राड है। अब भी संजीवनी बिल्डकॉन घोटाले की जांच चल रही है। इससे जुड़े जिस जमीन पर काम करने से केंद्रीय जांच एजेंसी ने रोक लगा रखा है। धुर्वा के दिनेश कुमार तिवारी ने कोर्ट में शिकायत दर्ज करायी है। कोर्ट के आदेश के बाद रांची के लोअर बाजार थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. हाई कोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने भी प्राथमिकी दर्ज की है। पर बाउंड्री के अंदर निर्माण कार्य धड़ल्ले से जारी है। नगड़ी अंचल के पुंदाग इलाके में करोडों रुपये के भूखंड पर निर्माण कार्य के लिए पुलिस मुख्यालय में तैनात एक इंस्पेक्टर और रांची के एक नामी कॉलेज के प्रोफेसर ने पूरी सेटिंग की थी। सारी तैयारी होने के बाद सूरज चटर्जी नाम के व्यक्ति ने निर्माण कार्य शुरू करवाया था, लेकिन स्थानीयों ने पुंदाग ओपी को इस अवैध निर्माण की सूचना दे दी।
जिसके बाद पुंदाग ओपी प्रभारी ने स्थल निरिक्षण कर निर्माण कार्य को तत्काल न सिर्फ बंद करवाया, बल्कि नगड़ी अंचल अधिकारी को अवैध निर्माण की लिखित सूचना देते हुए विधि सम्मत कार्रवाई का आग्रह किया। बता दें कि रांची के पुंदाग ओपी क्षेत्र के ऐश्वर्या रेसिडेंसी के नॉर्थ साइड स्थित जमीन पर भू माफिया द्वारा शेड बनाने का कार्य किया जा रहा था। 30 सितंबर 2022 को सीबीआई ने संजीवनी बिल्डकॉन और निदेशकों पर एक और मामला दर्ज किया था। यह मामला सीबीआई की रांची ब्रांच में दर्ज हुआ था। शिकायतकर्ता धुर्वा के एचईसी कॉलोनी के क्वार्टर नंबर डीटी-1314 निवासी दिनेश कुमार तिवारी है।
संजीवनी बिल्डकॉन कंपनी के प्रबंध निदेशक जयंत दयाल नंदी अब तक फरार है। संजीवनी बिल्डकोन घोटाले के आरोपी रहे झारखंड सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के कई अधिकारी और हल्का कर्मचारियों को अब भी सीबीआइ के मुकदमें से राहत नहीं मिली है। इसमें रातू अंचल के तत्कालीन सीओ केके राजहंस, ओपी यादव, राजस्व कर्मी शशि भूषण सिंह (अब सीओ) सरीखे महारथी शामिल हैं।
सीबीआई ने संजीवनी बिल्डकॉन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के अलावा कंपनी की निदेशक अनामिका नंदी, सुरजीत गोस्वामी, प्रबंधक श्याम किशोर गुप्ता व मार्केटिंग एक्जीक्यूटिव श्वेता रानी के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इन सभी लोगों पर आपराधिक साजिश कर धोखाधड़ी करने का आरोप है। सभी पर एक साजिश के तहत दूसरे की जमीन की रजिस्ट्री शिकायतकर्ता दिनेश कुमार तिवारी व उनकी पत्नी के नाम पर करने का आरोप है। इसके एवज में विभिन्न तिथियों में 26,68,000 रुपये की ठगी की गयी थी।
इसकी जानकारी दिनेश कुमार तिवारी को तब मिली, जब वे अपनी रजिस्टर्ड जमीन पर निर्माण करने पहुंचे तो कुछ लोगों ने इसका विरोध कर दिया। इसके बाद उन्होंने जमीन के दस्तावेज की जांच कराई तो पता चला कि उक्त जमीन खतियानी रैयत चामा मुंडा व अन्य के नाम पर पंजी-2 में दर्ज है।