L19 DESK : आजसू पार्टी की ओर से आज यानी 28 जनवरी को हरमू स्थित केंद्रीय कार्यालय में प्रेस को संबोधित किया गया. इस दौरान पार्टी के केंद्रीय प्रवक्ता डॉ देवशरण भगत, प्रवीण प्रभाकर और राजेंद्र मेहता उपस्थित रहें.
वहीं, मीडिया को संबोधित करते हुए नेताओं ने कहा कि बीते कल धनबाद के भाटिनदह जलप्रपात स्थल पर देर रात तक केंद्रीय सभा की बैठक चली. जिसमें संगठन और आम जनता के मुद्दों पर भावी रणनीति तय की गई. जिसके तहत अब पार्टी जनहित के लिए मुखर होकर आवाज बुलंद करेगी और विपक्ष की भूमिका में झारखंडी जनता के हितों के लिए सड़क से सदन तक संघर्ष करेगी.
झारखंड के सभी 32,623 गांवों में ग्राम कमेटियों का होगा गठन
उन्होंने कहा कि पार्टी जनता के मान, सम्मान एवं स्वाभिमान के साथ कोई समझौता नहीं करेगी. आजसू पार्टी संघर्ष से उपजी पार्टी है और आम जनता का हित इसके लिए चुनाव से ज्यादा महत्वपूर्ण है. इसी लड़ाई को आगे बढ़ाने के लिए आजसू पार्टी तीन माह में झारखंड के सभी 32,623 गांवों में ग्राम कमेटियों का गठन करेगी.
केंद्रीय सभा की बैठक में ये रहे मौजूद
आजसू नेताओं ने बताया कि केंद्रीय सभा के माध्यम से स्पष्ट संदेश दिया गया कि पूरी पार्टी एकजुट है और आजसू को हाशिए पर देखने का सपना देखने वालों को कुछ भी हाथ लगने वाला नहीं. कल की बैठक में केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश महतो, सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी, विधायक निर्मल महतो, पूर्व मंत्री रामचंद्र सहिस, पूर्व विधायक लंबोदर महतो समेत पूरे राज्य से आए केंद्रीय सदस्य, जिला पदाधिकारी, अनुषंगी संगठन और पंचायत प्रतिनिधि उपस्थित थे. सबों ने एक स्वर में आजसू को बेहतर राजनीतिक जनविकल्प के रूप में स्थापित करने के लिए एकजुटता और संघर्ष का आगाज करने का आह्वान किया.
संजय मेहता ने आजसू पार्टी की ली सदस्यता
संवाददाता सम्मेलन में झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति (जेबीकेएसएस) के वरिष्ठ नेता एवं हजारीबाग लोकसभा चुनाव में डेढ़ लाख वोट लाने वाले संजय मेहता भी उपस्थित थे, जिन्होंने कल ही अपनी पूरी टीम के साथ सुदेश महतो के समक्ष आजसू की सदस्यता ग्रहण की है. उन्होंने कहा कि जेबीकेएसएस के आंदोलन की दिशाहीनता के कारण वह आजसू में शामिल हुए हैं.
विस्थापितों और रैयतों को निःशुल्क कानूनी सहायता
मुख्य प्रवक्ता देवशरण भगत ने बताया कि पार्टी ने कोयलांचल में विस्थापितों और रैयतों के आंदोलन पर किए गए झूठे मुकदमों में निःशुल्क कानूनी सहायता उपलब्ध करवाने की घोषणा की है. प्रवीण प्रभाकर ने 1986 से आजसू के संघर्ष को ऐतिहासिक बताया, उन्होंने कहा कि आज भी जनता को आजसू से ही संघर्ष की आस है.