L19 DESK : राजधानी रांची धनबाद देवघर जमशेदपुर जैसे शहरो के नदियों से बिना टेंडर के अवैध रूप से तीन बालू घाटों से बालू उत्खनन किया जा रहा है। बताते चलें कि मंगलवार को ही हाईकोर्ट ने बालू की अवैध उठाव को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की थी। जिसमें कोर्ट ने राज्य सरकार से स्पष्ट निर्देश दिया था कि राज्य में कहीं भी बालू का अवैध उठाव होता है। तो इसके गंभीर परिणाम देखने को मिलेंगे। इस आदेश की बावजूद राज्य के सभी जिलो के बालू घाट में धड़ल्ले से बालू की अवैध तरीके से निकासी की जा रही है और इसे खुलेआम मंहगी दाम पर शहरों में बेचा जा रहा है।बताते चलें की पूरे राज्य में वैध रूप से केवल 21 बालू घाट ही संचालित है। जिनसे बालू की निकासी हो सकती है, लेकिन राज्य में प्रतिदिन छः हजार से 10 हज़ार ट्रक व हाइवा से बालू का अवैध कारोबार हो रहा है।
राज्य में प्रतिमाह 300 करोड़ के रुपये के बालू का अवैध कारोबार हो रहा है, वही दूसरी ओर खान विभाग को वित्तीय वर्ष 2022- 23 में बालू से फरवरी 2023 तक केवल 199.70 लाख रुपए ही राजस्व के रूप में प्राप्त हो रही है। वर्ष 2017 से ही राज्य में बालू घाटों को टेंडर के माध्यम से दो कैटेगरी के सभी बालू घाट का संचालन जेएसएमडीसी को दिया गया है। इसके बाद से ही टेंडर की प्रक्रिया चलती आ रही है। राज्य में 608 बालू का चिन्हित है। अब तक 12 जिलो की डिस्ट्रिक सर्वे रिपोर्ट बनी है इसके बाद टेंडर प्रक्रिया में कम से कम 3 महीने लगेंगे। पलामू की एक भी घाट की बंदोबस्त नहीं हुई है इसके बावजूद पलामू की कोयल, सोन, अमानत, औरंगा, तलहे, कन्हार, बटाने जैसे नदी से करीब 40 बालू घाट अवैध तरीके से बालू उठाव हो रहा है। चैनपुर, छतरपुर, नौडीहा, पांकी, हैदरनगर सहित अन्य इलाकों में रात होते ही बालू तस्कर सक्रिय हो जाते हैं।लातेहार जिला मुख्यालय होकर बहने वाली औरंगा नदी से लगातार बालू का अवैध उठाव किया जा रहा है।रामगढ़ जिला में तो अभी तक बालू घाटों की नीलामी नहीं हुई है। इसके बावजूद पूरे जिले में लगभग 100 ट्रैक्टर,20- 25 हाइवा,30- 40 ट्रक से प्रतिदिन अवैध तरीके से बालू का उठाव किया जा रहा है।
कोडरमा जिले में केवल दो बालू घाट ही वैध है इसके बावजूद जयनगर से लेकर सतगंवा, मरकच्चो, डोमचांच, चंदवारा व तिलैया के आसपास स्थित घाटों से बालू का अवैध उठाव हो रहा है। जयनगर से सर्वाधिक बालू का अवैध उठाव बराकर नदी के दुमदुमा, तिलोकरी, गोपालडीह, करियावां व सुगाशाख घाटों से हो रहा है। हजारीबाग मे केवल नवाटानर बालू घाट की ही बंदोबस्त की गई है, परंतु इसके विपरित जिले में 46 से अधिक छोटे बड़े नदियों के बालू घाट से 650 से अधिक ट्रैक्टर और सैकड़ों हाइवा से बालू का अवैध उठाव हो रहा है। इसमें चलकुसा, चौपारण, कटकमसांडी, बड़कागांव प्रखंड की नदियों से बालू का उठाव सबसे अधिक हो रहा है। चतरा में गढ़केदाली, लोहारसिगना, खुर्द व घोरीघाट की ही बंदोबस्ती हुई है। परंतु जिले के हंटरगंज प्रखंड के निलाजन नदी के अलावा चतरा सदर, इटखोरी, कान्हाचट्टी, टंडवा, पथलगड्ढा, मयूरहंड समेत अन्य प्रखंडों में स्थित नदियों से बालू का अवैध उठाव किया जा रहा है। यही हाल राज्य के धनबाद, गिरिडीह पूर्वी सिंहभूम संथालपरगना में स्थित सैकड़ों अवैध बालू घाटों से प्रतिदिन बालू की निकासी हो रही है। और इसे मंहगे दामों पर बेचा जा रहा है। खूंटी जिले के कारो और कांची नदी से अवैध बालू की निकासी प्रतिदिन हो रही है।
जिले में कुदरी, ओकरा, सिमला और डोरमा बालू घाट ही चालू है पर जिले के सभी प्रखंडों से बालु का अवैध उठाव जारी है। कर्रा के मास्को, बक्सपुर बामरजा, तिलमी गोविंदपूर सहित अन्य स्थानों मे कारो नदी से बालू निकाला जा रहा है। खूंटी के चालान पर ही रांची मे भी अवैध कारोबार हो रहा है रनिया में कोयल नदी से कोटंगर, मेरोमबिर में जेसीबी से बालू का खनन किया जा रहा है। अड़की में कई जगहों से कांची नदी से भारी मात्रा में बालू उठाव किया जा रहा है। रांची में 29 बालू घाट हैं परंतु इनमें से एक का भी टेंडर नही हो सका है।पड़ताल में पाया गया कि रात में बुंडू, खलारी, डकरा, सोनाहातु व सिल्ली के बालू घाटों से बालू का अवैध निकासी की जा रही है।रांची में 500 टर्बो ट्रक ओर करीब 50 से 60 हाइवा से बालू की ढुलाई प्रतिदिन हो रही है। रांची के खलारी प्रखण्ड में एक दर्जन जगहों से बालू का अवैध उत्खनन खुल्लेआम होता है। बालू नदी से निकालकार आसपास के जंगलों में जमा किया जाता है और इसके बाद इसे बेच दिया जाता है। सिल्ली की हालात तो इससे भी बदतर है जहां बालू तस्करों ने सिल्ली पुल के नीचे से बालू निकाल निकालकर पुल को ही खतरे में डाल दिया है जहां कभी भी बड़े हादसा होने की संभावना है। बालू तस्करी रोकने के क्रम में अधिकारियों पर होते हैं हमले।
बालू तस्करों का हौसला इस कदर कदर बढ़ा हुआ है कि वे रोकने जाने वाले अधिकारियों और पुलिस के जवानों पर हमला बोल देते हैं। विगत दिनों राहे प्रखण्ड के अंचल अधिकारी महेंद्र छोटन उरांव को 1 फ़रवरी 2023 की रात 11.20 बजे हाइवा से कुचल कर मारने का प्रयास किया गया था। इसी तरह 4 जून 2022 को बराकर नदी के पांड्रा बेजरा घाट पर अवैध बालू उठाव रोकने के लिए छापेमारी करने गए एसडीएम प्रेम कुमार तिवारी और खनन विभाग की टीम को बंधक बनाकर गांव में रखा गया था। नंबर 2022 की रात में बरवाअड्डा में बालू पकड़ने के गोविंदपुर सीओ के साथ तस्करों ने मारपीट किया था। देवघर के सारवा थाना छेत्र मंगलवार रात बालू उठाव पर रोक लगाने गई पुलिस के ऊपर तस्करों ने हमला कर दिया था । जिसमें दरोगा सहित 3 चौकीदार घायल हुए थे। इसके अलावा बालू तस्करों ने पुलिस द्वारा जप्त ट्रैक्टरों को भी छुड़ाकर ले गए।