L19 DESK : आज 25 मार्च को नहाय खाय के दिन रवि योग बना है। यह आज सुबह 06 बजकर 20 मिनट से दोपहर 01 बजकर 19 मिनट तक है। आज गंगा स्नान करने के बाद ही छठ व्रती घर जाकर प्रसाद बनाना शुरू करेंगे। कई जगहों पर गंगाजल ले जाकर गंगाजल में ही छठ का प्रसाद बनाया जाता है। ।
झारखंड में छठ व्रती नहाय खाय का प्रसाद खाकर चैती छठ की शुरुआत करते हैं। प्रसाद को बनाने के लिए सेंधा नमक का प्रयोग किया जाता है जो बिना लहसुन-प्याज़ के बना होता है। छठ व्रतियों के घर दाल, चावल, कद्दू, चटनी, बचका बनाया जाता है। व्रतियों के अनुसार, चैती छठ उनके लिए बहुत ख़ास है।
चैती छठ पर्व का महत्व
छठ का पर्व प्रकृति को समर्पित है। छठ पूजा में डूबते सूर्य की उपासना की जाती है। माना जाता है कि छठी मईया की पूजा करने से संतान को दीर्घायु की प्राप्ति होती है। संतान सुख के लिए भी छठ का व्रत रखा जाता है। साल भर में 2 बार छठ मनाया जाता है। मार्च या अप्रैल के महीने में चैती छठ और दूसरा कार्तिक मास अक्टूबर या नवंबर में मनाया जाता है। देश के कई हिस्सों में इस पर्व को बड़े धूम-धाम से मनाया जाता है। खासकर बिहार, झारखण्ड, उत्तरप्रदेश में इस लोक आस्था के महापर्व को बड़े ही आस्था के साथ मनाते हैं। लोक आस्था का महापर्व चैती छठ की शुरुआत नहाय खाय के साथ आज यानि 25 मार्च से शुरू हो रहा है।