L19/RANCHI : चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव की सजा बढ़ाने को लेकर CBI की ओर से दाखिल याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में हो गई सुनवाई । जस्टिस SN प्रसाद व जस्टिस एस चांद की अदालत ने CBI से जानना चाहा कि जब जिससे संबंधित सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव की अपील लंबित है, तो मामले की खंडपीठ में कैसे सुनवाई हो सकती है। जिस पर CBI ने जवाब मांगा अदालत से है।
इस मामले में अगली सुनवाई 19 अप्रैल को होने वाली है। सुनवाई के दौरान लालू प्रसाद की ओर से अधिवक्ता देवर्षी मंडल ने अदालत को बताया कि हाल में ही इस मामले में लालू प्रसाद यादव की अपील एकल पीठ में लंबित है। बता दें कि CBI ने देवघर कोषागार से अवैध निकासी मामले में निचली अदालत में लालू प्रसाद यादव को साढ़े तीन साल की सजा सुनया गया है। सीबीआई ने सजा को बढ़ाने की मांग किया है और कहा है कि लालू प्रसाद यादव उच्च स्तरीय षड्यंत्र में शामिल थे। जिसके लिए उन्हें अधिक -अधिक सजा मिलनी चाहिए।
घोटाला 950 करोड़ रुपये का हुआ है
रही बात चारा घोटाले की, तो उसे बिहार का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार घोटाला बतया गया था। बात 1996 की है, जब राज्य के पशुपालन विभाग में 950 करोड़ रुपये के घोटाले का सामने आया था। उस वक्त लालू प्रसाद यादव की सरकार थी। चारा घोटाले में 3 मामले आया हैं और तीनों मामलों में लालू यादव दोषी हैं।
सीबीआइ ने ठहराया दोषी लालू यादव को
गौरतलब है कि स्पेशल सीबीआइ कोर्ट ने धोखाधड़ी करते हुए देवघर कोषागार से बड़े पैमाने पर निकासी से संबंधित मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को आरोपी ठहराया था। जिसके अलावा उन्हें डोरंडा ट्रेजरी केस के मामले में भी आरोपी ठहराया है। मामला डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ रुपये की निकला गया है। यह निकासी 1990-95 के बीच में हुआ था।