BOKARO/BERMO : डीवीसी कोलकाता के जीएम सीएंडएम शुभमय मुखर्जी ने पत्रांक-88391/2412 के तहत जाली विद्युत लाइसेंस जमा करने के मामले में पटेल नगर चास,बोकारो की कंपनी मेसर्स कच्छवाहा इंजीनियरिंग सर्विसेज (ओपीसी) प्राइवेट लिमिटेड को डिबार कर दिया है.डीवीसी की यह कार्रवाई कंपनी को डीवीसी के किसी भी टेंडर में भाग लेने से दो साल की अवधि के लिए प्रतिबंधित भी करती है.
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क्या था मामला?
डीवीसी कोडरमा थर्मल पावर स्टेशन में यूनिट एक और दो के ईएसपी प्लांट्स के ऑपरेशन, रूटीन, निवारक और ब्रेकडाउन मेंटेनेंस के लिए “एनुअल रेट कॉन्ट्रैक्ट“ से संबंधित है. डीवीसी के अनुसार, उक्त टेंडर के बाद कंपनी द्वारा जाली विद्युत लाइसेंस जमा कर टेंडर द्वारा कार्य का आबंटन मामले को लेकर केंद्रीय सतर्कता आयोग नई दिल्ली के निर्देश पर डीवीसी के सीवीओ ने लाइसेंस में जमा किये गये कागजातों की जांच आरंभ करवाई. लाइसेंस सत्यापन के दौरान पता चला कि मेसर्स कच्छवाहा इंजीनियरिंग सर्विसेज द्वारा जमा किया गया इलेक्ट्रिकल लाइसेंस संख्या जेएच/ईसी/3592 जाली था. उक्त कार्य को लेकर टेंडर 16 जनवरी 2025 को जारी किया गया था.
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जांच में लाइसेंस जाली पाए जाने पर डीवीसी ने 5 सितंबर 2025 को कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी किया था. कंपनी ने 5 अक्तूबर को अपना जवाब प्रस्तुत किया था जिसे डीवीसी कोलकाता प्रबंधन ने अस्वीकार कर दिया. मामले की विस्तृत समीक्षा एवं जांचोपरांत डीवीसी ने निष्कर्ष निकाला कि उक्त कंपनी का आचरण टेंडर प्रक्रिया का उल्लंघन है. इसलिए कॉन्ट्रैक्ट के क्लॉज 27(ए) (जीसीसी) के तहत कार्रवाई करते हुए, कंपनी को नोटिस जारी होने की तारीख से दो वर्ष की अवधि के लिए डीवीसी के किसी भी टेंडर में किसी भी प्रोजेक्ट में भाग लेने से पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया.
इस अवधि के दौरान उक्त कंपनी न तो कोई नया टेंडर भर सकती है और न ही किसी भी प्रोजेक्ट या स्टेशन की किसी टेंडर प्रक्रिया में किसी सहयोगी के रूप में भाग ले सकती है. डीवीसी ने कंपनी को चेतावनी दी है कि व्यापारिक डीलिंग को प्रतिबंधित करने के इस निर्णय से उन्हें होने वाले किसी भी पूर्वाग्रह या नुकसान के लिए डीवीसी के नियमों और लागू कानून के तहत आगे की कार्रवाई की जा सकती है,जिसका जोखिम कंपनी का होगा.
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