L19 DESK : झारखंड मुक्ति मोर्चा के दो दिवसीय 13वें महाधिवेशन का आज पहला दिन है. पहले दिन, एक ऐसा क्षण आया, जब पूरा पंडाल कुछ देर के लिए ठहर गया. दरअसल, पार्टी के संस्थापक और झारखंड आंदोलन के पुरोधा शिबू सोरेन मंच पर व्हीलचेयर के सहारे पहुंचे. यह सिर्फ एक वरिष्ठ नेता का आगमन नहीं था, यह था इतिहास का पुन: साक्षात्कार. गुरुजी की मौजूदगी ने कार्यकर्ताओं को भावुक कर दिया. कई कार्यकर्ता उनकी एक झलक पाने के लिए आगे बढ़े. पंडाल ‘गुरुजी ज़िंदाबाद’ के नारों से गूंज उठा.
शिबू सोरेन का साथ उनका शरीर भले ही ना दे रहा हो लेकिन विचारों की लौ आज भी वही है, तेज, स्पष्ट और प्रेरणादायक. यह क्षण झामुमो के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं के लिए सिर्फ भावुक नहीं बल्कि प्रेरणा से भरा हुआ था.” ऐसा माना जा रहा है कि झामुमो का ये महाधिवेशन, उनके लिए एक नई ऊर्जा के साथ, पुरानी जड़ों को नमन करता हुआ और आगे बढ़ेगा.