L19 DESK : झारखंड में गांववालों के लिये आज भी पढ़ाई से ज्यादा जरूरी पान, बीड़ी, सिगरेट, तंबाकू, शराब और मांस मछली है। ये खुलासा केंद्र सरकार के सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा जारी रिपोर्ट में हुआ है, जिसमें बताया गया है कि झारखंड और बिहार के ग्रामीण परिवार आज भी पढ़ाई से ज्यादा खर्च मांस मछली, दूध दही में करते हैं। बिहार से एक कदम और आगे बढ़ते हुए झारखंड के ग्रामीण परिवार एजुकेशन से ज्यादा खर्च शराब,बीड़ी, पान, सिगरेट इत्यादि में अपना पैसा लगाते हैं।
आंकड़ों के अनुसार, जीवनयापन के लिये झारखंड की ग्रामीण आबादी प्रतिमाह औसतन 2,763 रुपये खर्च करती हैं। इस 2763 रुपये में से 1336 रुपये वे घर में खाने पीने की चीज़ जैसे दाल, चीनी, तेल, नमक, दूध दही, सब्जी, मांस मछली पर खर्च करते हैं। और इसी 2763 रुपये में से लगभग 1426 रुपये पान बीड़ी, तंबाकू, शराब, के साथ साथ दवा, कपड़ा और पढ़ाई में लगाते हैं। बात करें दूध दही पनीर की, तो यहां प्रतिमाह खर्च होते हैं,147 रुपये, मांस-मछली में 185 रुपये, तंबाकू-शराब में 100 रुपये और शिक्षा में मात्र 83 रुपये खर्च किये जाते हैं।