L19/Desk : झारखंड सरकार द्वारा एनआईए जांच की सिफारिश संबंध में फैसला लेने में 55 दिन का समय लेने को आधार बनाते हुए केंद्र सरकार द्वारा एनआईए जांच का आदेश दिए जाने को चुनौती दिए जाने वाली फूलेश्वर गोप क्रिमिनल रिट की सुनवाई झारखंड हाई कोर्ट में हुई। इस मामले में हाईकोर्ट के जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अध्यक्षता वाली बेंच ने एनआईए और याचिका का पक्ष सुनने के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया है ।
याचिकर्ता का कहना है कि बेड़ो थाना कांड संख्या 67/ 2016 को एनआईए से जांच कराने की सिफारिश करने में झारखंड सरकार ने 55 दिनों का समय लिया है । जबकि एनआईए एक्ट के तहत 7 दिनों में राज्य सरकार को फैसला लेना होता है ।
मामले में एनआईए ने प्रथम पूरक चार्जशीट में गवाह बताया है ,जबकि दूसरे पूरक चार्जशीट में याचिका को आरोपी बना दिया है । राज्य सरकार ने महीनों बाद एनआईए जांच कराने का आंतरिक निर्णय लिया । इसलिए केंद्र सरकार द्वारा मामले को एनआईए जांच के लिए हैंडओवर करने का निर्देश दिया जाना गलत है।
इसलिए बेड़ो थाना कांड संख्या 67/ 2016 को एनआईए जांच को हैंडओवर करने के निर्देश को खारिज करना चाहिए । याचिककर्ता की ओर से अधिवक्ता निरंजन कुमार ने पैरवी की । वही एनआईए की ओर से अधिवक्ता एके दास ने पैरवी की ।