L19 Desk : केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक पीएमईजीपी योजना का लाभ जिस तरह से लोगों को मिलना चाहिए उस तरह नही मिलने में बाधक बन रही है राज्य के सरकारी एवं गैर सरकारी बैंक यह कहना है इटखोरी प्रखंड के प्रमुख समाजसेवियों का। एक आंकड़ा प्रस्तुत करते हुए कहा गया कि आप स्वयं राज्य के बैंकों का इस योजना के प्रति गम्भीरता को देख विचार करे। पूरे राज्य में 8776 आवेदन इस योजना के लिए दिए गए जिसमे 2413 स्वीकृत हुए 4078 रिजेक्ट कर दिए गए एवं 1926 अभी भी पेंडिंग पड़े हुए है जबकि फाइनेंसियल वर्ष के समाप्ति में मात्र तीन महीने बचे है। सरकारी बैंकों की हालत इस योजना में थोड़ी ठीक भी है किंतु प्राइवेट बैंक जनता को सब्सिडी वाले लोन से वंचित कर अपना प्रश्नल लोन देने एवं मोटे ब्याज वसूलने में विश्वाश रखती दिखाई पड़ रह है।
उदाहरण के तौर पर हज़ारीबाग जिले में कुल 701 आवेदन दिए गए जिनमे 180 स्वीकृत हुए 341 रिजेक्ट एवं 184 पेंडिंग है अब यंहा के कौन से बैंक में कितना आवेदन एवं स्वीकृत उस पर भी एकनजर डाले देना बैंक में आवेदन शून्य रहा, एचडीएफसी में आवेदन 49 स्वीकृत मात्र 3,आईसीआईसीआई आवेदन 12 स्वीकृत मात्र 1, आईडीबीआई आवेदन 73 स्वीकृत 13,इंडसइंड आवेदन 1 स्वीकृत शून्य, जम्मू एन्ड कश्मीर बैंक में आवेदन 4 स्वीकृत 2 एवं सिंडिकेट बैंक में आवेदक शून्य रहे। मतलब स्प्ष्ट है कि सरकार की इन योजनाओं में बैंक अपनी दिलचस्पी नही दिखा रहे जिसके गंभीर दुष्परिणाम हो सकते है चुकि रोजगार सृजन में ये सहायक होने के बजाय बाधक बनते दिखाई पड़ रहे है।
स्थानीय नेताओं को भी इस पर पहल करने की जरूरत है चुकि सक्षम व्यक्ति दलाल के चक्कर मे पड़ रहे है और बैंक स्वयं से आवेदक का सही जांच कर उन्हें लाभ नही पहुंचा रही बल्कि जल्दबाजी में रिजेक्ट या पेंडिंग कर योजना को धरातल तक नही पहुचने दे रहे है। अब स्थानीय नेताओं से उम्मीद है जरूरतमंदों को इस योजना का लाभ पहुंचाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सरकार की मंशा को पूर्ण करने में सहायक बने नाकी फोटो खिंचाव नेता की श्रेणी में अग्रिम बने। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जेपी नड्डा ने यह संकेत भी दे डाला है कि हम कार्य प्रिय है ना कि चापलूस प्रिय।