L19 DESK : अगर आप इस नये साल में वादियों के बीच पिकनिक मनाने का सोंच रहे हैं, तो झारखंड से बेहतर कोई और जगह हो ही नहीं सकती। झारखंड का कोना कोना वादियों से घिरा हुआ है। खासकर राजधानी रांची जिसे झरनों का शहर कहा जाता है। ठंड की छुट्टियों में वाटरफॉल घूमना बहुत अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। झारखंड में ढेरों ऐसे वाटरफॉल हैं जिनमें से एक पंच घाघ वाटरफॉल (Panch Ghagh Waterfall) भी है। यह झारखंड के खूंटी जिले में बसा है, रांची से कुछ ही किलोमीटर दूर। यहां आकर आपको लगेगा कि प्राकृतिक सुंदरता का दूसरा नाम पंचघाघ है।
प्राकृतिक सौंदर्य व अद्भुत नजारे के लिये जाना जाता है पंचघाघ जलप्रपात
पंचघाघ जलप्रपात की खासियत की बात करें तो यह अपने आप में प्राकृतिक सौंदर्य को समेटे हुए है। यह जलप्रपात हरे भरे जंगलों और पहाड़ों से घिरा हुआ है। यहां 5 झरने एक साथ बहते हैं जो खुद में एक अद्भुत नजारा है। पंच घाघ फॉल उत्तरी -पूर्व दिशा में स्थित है ,जिसकी ऊंचाई 600 मीटर , 2000 फीट है। साल, बांस, और पलाश के वृक्ष से घिरा हुआ यह झरना पर्यटकों को अपनी ओर खूब आकर्षित करती है।
मुख्य झरने से आ रही पानी को स्वर्ण रेखा कहा जाता है। ये पानी पहाड़ियों के बीच से बहता हुआ एक खूबसूरत रुप लिये होता है। जितनी सुंदर ये जगह है, यहां की वादियां हैं, उतना ही निर्मल यहां का पानी भी है। चूंकि पानी में मिट्टी ज्यादा नहीं है, इसके वजह से पानी हमेशा साफ रहता है। झरने के आसपास भूरे रंग के पत्थर मौजूद हैं, जो यहां की खूबसूरती में चार चांद लगा देते हैं। ये इलाका दरअसल पथरीला है।
इसलिये कहते हैं इसे “पंचघाघ”
पंचघाघ जलप्रपात में एक साथ 5 झरनों का मिलाप होता है। ये पांच धाराएं स्पष्ट दिखायी पड़ती हैं। यह बनई नामक नदी के टूटने से बना है। लोककथाओं के अनुसार, कभी पाँच सगी बहनें किसी एक ही व्यक्ति से प्रेम करने लगी थीं। मगर प्रेम में असफलता प्राप्त होने की वजह से ये पांचों बहनें नदी में कूद गयी। इसके बाद ये नदी पांच धाराओं में प्रवाहित होने लगीं।
पर्यटकों के लिये क्या है खास ?
पंचघाघ वाटरफॉल की सुंदरता को देखते हुए इसे पर्यटक स्थल में तब्दील कर दिया गया। हर साल बड़ी संख्या में पर्यटक यहां आते हैं। ज्यादातर लोग अपने दोस्तों और परिवार के साथ यहां पर घूमने के लिए आते हैं। यहां आप बोटिंग और ट्रैकिंग का भी लुत्फ उठा सकते हैं। सर्दियों का मौसम इस जलप्रपात पर भ्रमण के लिये सबसे उचित माना जाता है।
इस झरने पर एक व्यूप्वाइंट (viewpoint) बना हुआ है, जहां से आप झरने की सुंदरता को बेहतर देख सकते हैं।
पंच घाघ झरने के बिल्कुल सामने एक खूबसूरत तालाब भी स्थित है, जो कि झरने की खूबसूरती को और अधिक बढ़ा देता है। आपको इस तालाब में नहाते हुए बहुत से लोग मिल जाएंगे। आप भी इस तालाब में नहा सकते हैं।
इसके साथ ही कुछ साल पहले यहां पर एक स्वीमिंग पुल का भी निर्माण किया गया था। यह पर्यटकों के लिये नहाने के लिये बनाया गया था, जहां आप भी आनंद उठा सकते हैं। बच्चों के लिये यहां एक चिल्ड्रेन पार्क का भी निर्माण किया गया है।
झरने के आसपास मौजूद छोटी-छोटी पहाड़ियां इस जगह को और भी खूबसूरत बनाती हैं। पंच घाघ का दूसरा झरना सबसे ज्यादा लोकप्रिय है, वहीं यहां का पांचवा झरना सबसे बड़ा है।
कहां स्थित है पंचघाघ वाटरफॉल?
पंचघाघ वाटरफॉल झारखंड के खूंटी जिले में स्थित है। राजधानी रांची से इसकी दूरी करीब 57 किमी की है। खूंटी से चाईबासा जाने वाले रोड में यह स्थित है। खूंटी जिले से इसकी दूरी करीब 14 किमी की है।
रांची से सिमडेगा जाने वाले रास्ते में भी यह झरना दिखाई पड़ता है।
कैसे पहुंचे पंचघाघ वाटरफॉल ?
पंचघाघ वाटरफॉल का लुत्फ उठाने के लिये आपको सबसे पहले साधन तय करना होगा। अगर आप फ्लाइट के जरिये आते हैं तो आपको रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर उतरना होगा। इसके बाद आप यहां से पंचघाघ के लिये सीधे टैक्सी भी बुक कर सकते हैं।
यदि आप ट्रेन पर सवार होकर आना चाहते हैं तो इसके लिये पहले आपको रांची जंक्शन पर उतरना होगा। इसके बाद रेलवे स्टेशन से ही टैक्सी या बस मिलने जायेगी पंचघाघ जाने के लिये।
वहीं, अगर आप बस के जरिेये सफर तय कर रहे हैं तो आप रांची के कांटाटोली स्थित बिरसा मुंडा बस टर्मिनल या फिर बूटीमोड़ बस अड्डे से खूंटी के लिये बस पकड़ सकते हैं। खूंटी पहुंचकर आपको लोकल गाड़ियां मिल जायेंगी, जो आपको मंजिल तक पहुंचा देंगी।
बस इतना ही शुल्क है पंचघाघ फॉल का
पंचघाघ फॉल पहुंचने पर आपको कुछ न्यूनतम शुल्क अदा करने होते हैं। प्रति व्यक्ति शुल्क केवल 8 रु. है। अगर आपने बाइक से सफर तय किया है तो आपको बाइक पार्किंग के लिये 10 रु. शुल्क के तौर पर अदा करने होंगे। वहीं, कार पार्किंग के लिये शुल्क 25 रु. है।
सेफटी का रखा जाता है खास ध्यान
हर साल बड़ी संख्या में पर्यटक पंचघाघ जलप्रपात में घूमने के लिये आते हैं। ज्यादातर लोग अपने दोस्तों और परिवार के साथ यहां पर घूमने के लिए आते हैं। ऐसे में सुरक्षा का यहां खास ध्यान रखा गया है। हर समय यहां भारतीय जवानों की तैनाती होती है।
हालांकि, इसके बावजूद थोड़ी सावधानियां बरतनी पड़ती हैं। इलाका पथरीला होने के कारण जरा संभल के चलें। झरने के आसपास गड्ढे हैं, जिनमें पानी भरे होने के कारण दिखाई नहीं पड़ते। ऐसे में पैर फंस सकता है।
झरने का बहाव तेज हो सकता है। इसलिये पर्यटन विभाग द्वारा नहाने के लिये स्वीमिंग पुल का निर्माण किया गया है। आप भी स्वीमिंग पुल में ही नहायें।
चढ़ने उतरने के लिये सीढ़ियों का उपयोग करें।
पंचघाघ वाटरफॉल घूमने के लिये सुबह 8 बजे से लेकर शाम 7 बजे तक का ही समय उचित है। क्योंकि यह जंगलों के बीच बसा हुआ है, ऐसे में जंगली जानवरों के मौजूदगी की आशंका हो सकती है।
घूमने के लिये कौन सा टाइम है बेस्ट ?
पंचघाघ फॉल घूमने के लिये सबसे उचित समय जनवरी से लेकर अप्रैल महीने तक को माना जाता है। हालांकि, गर्मी के मौसम में भी आप यहां के प्राकृतिक सौंदर्य का लुत्फ उठा सकते हैं। बरसात के दिनों में यह थोड़ा खतरनाक साबित हो सकता है।