L19/Ranchi. झारखंड राज्य रीनिवेबल इनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (जेरेडा) ने देश भर की 41 कंपनियों को अयोग्य करार दिया है। इन कंपनियों को जेरेडा के किसी भी निविदा में भाग नहीं लेने की चेतावनी दी गयी है। इन कंपनियों को दिये गये कार्यादेश के बाद इनका परफारमेंस काफी खराब रहा था। एक अप्रैल 2017 को इन कंपनियों को सरकार की तरफ से सोलर पावर प्लांट की स्थापना करने और इससे संबंधित उपकरणों की आपूर्ति के अलावा वार्षिक रख-रखाव की जवाबदेही सौंपी गयी थी। इन सेवंदकों ने तय मानकों के अनुरूप अपना परफारमेंस नहीं दिया और इनके परफारमेंस के विवेचना के बाद इन्हें टेंडर में भाग लेने से डीबार कर दिया गया। जेरेडा के परियोजना निदेशक ने इस संबंध में आम सूचना जारी कर इसकी जानकारी दी है।
इसमें कानपुर की कंपनी मदनानी इंजीनियरिंग वर्क्स, कोलकाता की पुनम इनर्जी प्राइवेट लिमिटेड, हैदराबाद की सावन इलेक्ट्रोनिक्स, हैदराबाद की ही एकेस्स सोलर लिमिटेड, नयी दिल्ली की बीएनके इनर्जी अल्टरनेटिव्स, दिल्ली की श्रीनेत एंड शांडिल्य कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड, ओड़िशा की सूर्या इंटरनेशन, कानपुर की विक्टरी कंपनी, कोलकाता की सनडिगो सोलर सोल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, मुंबई की सेवेन ग्रींस सोलर सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड, राजकोट की वीआरजी इनर्जी इंडिया लिमिटेड, भुवनेश्वर की गायत्री इंजीनियरिंग कंस्ट्रक्शन एंड कंसलटेंसी लिमिटेड, कलिंगा उत्कल विद्युत प्राइवेट लिमिटेड, रायपुर की लूकरेटिव सोलर सोल्यूशन, चेन्नई की रीच फाइटोकेयर प्राइवेट लिमिटेड, छत्तीसगढ़ की साहू इलेक्ट्रिकल्स, रायपुर की शंकेश्वर इनर्जीस, पुणे की समवेद इनर्जी सिस्टम्स, छत्तीसगढ़ की केएस इलेक्ट्रिकल्स, अलवर राजस्थान की फेको इंस्टापावर प्राइवेट लिमिटेड प्रमुख हैं. इनके अलावा झारखंड की सनराइज इंडिया कंपनी, सूर्य किरण, आइएनए सोलर पावर, रांची पार्टनर्स मैनेजमेंट कंसलटेंट्स, राजवंस इंटरप्राइजेज, नमन सेल्स कारपोरेशन, अशरफ इंटरप्राइजेज, 4ई जंक्शन, स्टेटिक इंटरप्राइजेज, मंसा इंटरप्राइजेज, एलायंस इंटरप्राइदेदस लुंबिनी इलाइट सोल्यूशंस एंड सर्विसेज, इकांशी इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं।