L19 DESK : झारखंड की हेमंत सरकार ने झारखंड के युवाओं से नई नियोजन नीति को लेकर राय मांगी थी। युवाओं की राय लेने के लिए भारत सरकार की मिनी रत्न कंपनी को जिम्मेदारी दी गई। सर्वेक्षण में 7,33,921 युवाओं की राय ली गई। युवाओं से यह जानने की कोशिश की गयी कि तात्कालिक तौर क्या पूर्व की नियोजन नीति (2016 के पहले वाली) के आधार पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए। सरकार ने दावा किया कि 73 प्रतिशत युवाओं ने एकमत में कहा कि 2016 से पहले वाली नियोजन नीति ही ठीक थी।
अब नई नियोजन नीति का विभिन्न जिलों में युवा ही विरोध कर रहे हैं। युवाओं का कहना है कि यह नियोजन नीति नहीं बल्कि दिखावा है। हेमंत सरकार ने पहले कहा कि झारखंड के युवाओं के लिए नौकरी सुनिश्चित करने के लिए नियोजन नीति बनायेंगे, अब वो सारी शर्तें हटा दी गयी हैं जो राज्य की नौकरियों में यहां के युवाओं की सीट सुरक्षित करती थी। ऐसे में विरोध करना जरूरी हो गया है। सरकार के खिलाफ राज्य के विभिन्न जिलों के युवा कल ट्विटर पर अभियान चलाएंगे। इसका ग्राउंड तैयार कर लिया गया है।
कहा जा रहा है कि नई नियोजन नीति में 40 फीसदी सीटों को ओपन फोर ऑल कर दिया गया है। युवाओं को इसकी जानकारी मिलने के बाद राज्य के विभिन्न जिलों से विरोध सरकार के इस फैसले का विरोध होना शुरु हो गया है।
हेमंत सरकार द्वारा कैबिनेट से मंजूरी दी गई नियोजन नीति में झारखंड के संस्थान से 10वीं-12वीं करने की योग्यता को समाप्त कर दिया गया है। इसके अलावे क्षेत्रीय और जनजातीय भाषा की अनिवार्यता को भी खत्म कर दिया गया है। वहीं भाषा के पेपर में हिंदी, अंग्रेजी और संस्कृत जोड़ दिया गयै है। इस तरह से क्षेत्रीय और जनजातीय भाषा पेपर में अब 15 भाषायें होगी।