L19/DESK : ग्राहकों की सुविधा और सुरक्षा को लेकर बैंक के स्तर पर स्थापित नियमों-परिनियमों में संशोधन होता रहा है। इसी कड़ी में बैंक लॉकर को लेकर भारतीय रिज़र्व बैंक ने कुछ बदलाव किए हैं, जो एक जनवरी 2022 से ही प्रभावी है। यह बात अलग है बहुत से ग्राहक इन बातों से अनभिज्ञ हैं। रिजर्व बैंक की अब यह शर्त है कि बैंक लॉकर होल्डर्स को लॉकर के नवीनीकरण (रीनिवल) के लिए एग्रीमेंट करना होगा। रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों को निर्देश दिया था कि वह 30 सितंबर तक 75 फीसदी और 31 दिसंबर तक 100 फीसदी ग्राहकों से नए लॉकर एग्रीमेंट पर साइन ले लें। साथ ही सभी बैंकों के ग्राहकों को भी नए एग्रीमेंट की जानकारी देने को कहा है। साथ ही बैंकों को आरबीआई के दक्ष पोर्टल पर अपने लॉकर एग्रीमेंट के स्टेटस की जानकारी भी अपडेट करने की बात कही है।
रिजर्व बैंक के अनुसार, किसी ग्राहक को लॉकर आवंटित करते समय लॉकर-किराए पर लेने वाले को उसके अधिकारों और जिम्मेदारियों को जानने के लिए दोनों पक्षों द्वारा साइन किए हुए एग्रीमेंट की दो कॉपी तैयार की जाएगी। इनमें से एक ग्राहक के पास और दूसरी बैंक के पास होगी। इन नए नियमों के मुताबिक अब बैंक यह नहीं कह सकता कि लॉकर में रखे सामान को लेकर उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं है। चोरी, धोखाधड़ी, आग या भवन ढह जाने की स्थिति में बैंकों की जिम्मेदारी लॉकर के वार्षिक किराये के 100 गुना तक होगी। इसके अलावा बैंक को लॉकर की सुरक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाने पड़ेंगे।
बहरहाल, एक जिच स्टांप पेपर के चार्ज को लेकर है। जहां कुछ बैंक लॉकर मालिकों से यह एग्रीमेंट 500 रुपये के स्टांप पेपर पर करवाने को कह रहे हैं तो कुछ बैंक 100 रुपये के स्टांप पर ही काम चलाने को तैयार हैं। भारतीय स्टेट बैंक ने ब्रांच के स्थान के आधार पर विभिन्न प्रकार के लॉकरों के लिए दरें 500 रुपये से 3,000 रुपये प्रति वर्ष से बढ़ाकर 1,500 रुपये से 12,000 रुपये और जीएसटी कर दी हैं। एसबीआई शहरी और मेट्रो के ग्राहकों से मध्यम आकार का लॉकर किराए पर लेने के लिए 3,000 रुपये औऱ जीएसटी और ग्रामीण, अर्ध शहरी ग्राहकों से लॉकर किराए पर लेने के लिए 2,000 रुपये और जीएसटी लेता है। एचडीएफसी बैंक स्थान और प्रकार के आधार पर लॉकर के लिए सालाना 1,350 रुपये से 20,000 तक का शुल्क लेता है।