L19. ग्रामीण कार्य विभाग के निलंबित मुख्य अभियंता वीरेंद्र कुमार राम के विरुद्ध ईडी ने दिल्ली के इकोनॉमिक ऑफेंस विंग थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है। वीरेंद्र राम के अलावा उनके चार्टर्ड अकाउंटेंट मुकेश मित्तल व अन्य दो को भी आरोपी बनाया गया है।
दर्ज प्राथमिकी के अनुसार वीरेंद्र राम ने दिल्ली में फर्जी आईडी और केवाईसी का इस्तेमाल कर अपने सीए के माध्यम से एकाउंट खोलवाए। फिर उसमें करोड़ों रुपए का ट्रांजेक्शन हुआ। ईडी ने उन सभी बैंक एकाउंट की डिटेल्स प्राथमिकी में दी है।
फर्जी दस्तावेज पर जिनके नाम पर बैंक एकाउंट खोलो गए, उनमें श्री खाटू श्याम ट्रेडर्स, अनिल कुमार गोविंद राम ट्रेडर्स ओम ट्रेडर्स शामिल हैं। इन सभी खातों का उपयोग दिल्ली में रहने वाले चार्टर्ड अकाउंटेंट मुकेश मित्तल ने मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम के अवैध धन को सफेद करने के लिए किया। इन्हीं पैसों से वीरेंद्र राम ने दिल्ली में करोड़ों की प्रॉपर्टी में खरीदी।
सीए ने स्वीकारा, 2.50 प्रतिशत कमीशन ले खाते में डाले 5 करोड़
ईडी ने वीरेंद्र राम के चार्टर्ड अकाउंटेंट मुकेश मित्तल व उनकी पत्नी का भी बयान लिया। मुकेश मित्तल ने ईडी को बताया कि उनसे छह महीने पहले ही वीरेंद्र राम मिले थे। वीरेंद्र राम ने अपने पिता गेंदा राम के बैंक खाते में जमा करने के लिए पांच करोड़ रुपए दिए थे। इसके लिए मुकेश मित्तल ने कुल राशि पर 2.5 प्रतिशत कमीशन लिया था। इस बात को उसने स्वीकार किया है।
मुकेश मित्तल ने यह स्वीकारा कि उन्हें दो महीने की अवधि में वीरेंद्र राम से कुल पांच करोड़ रुपए दिए थे। वीरेंद्र राम हवाला के मदद से हर बार उन्हें लगभग 25-50 लाख तक रुपए एक बार में भेजता था। ईडी ने दर्ज प्राथमिकी में यह खुलासा किया है