L19 DESK : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुधवार 27 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है। इस पत्र के माध्यम से उन्होंने सरना कोड की ओर पीएम का ध्यान आकर्षित कराते हुए इसे लागू करने की मांग की है। पत्र में उन्होंने लिखा है कि हम आदिवासी पेड़ों, पहाड़ों और जंगलों का संरक्षण देना ही हमारा धर्म है। 2011 की जनगणना के मुताबिक, देश में करीब 12 करोड़ आदिवासी समुदाय हैं। झारखंड, जिसका मैं प्रतिनिधित्व करता हूं, एक आदिवासी बहुल राज्य है। यहां आदिवासियों की संख्या 1 करोड़ से ज्यादा है। राज्य की एक बड़ी आबादी सरना धर्म को मानते हैं। ऐसे में सिर्फ झारखंड में ही नहीं, बल्कि पूरे देशभर में आदिवासी समुदाय जनगणना कोड में सरना धर्मावलंबियों को शामिल करने की मांग के लिये संघर्ष कर रहे हैं।
सोरेन ने पत्र की कॉपी एक्स प्लैटफॉर्म पर शेयर करते हुए लिखा है कि “देश का आदिवासी समुदाय पिछले कई वर्षों से अपने धार्मिक अस्तित्व की रक्षा के लिये जनगणना कोड में प्रकृति पूजक आदिवासी/सरना धर्मावलंबियों को शामिल करने की मांग को लेकर संघर्षरत है। मैंने पत्र लिखकर माननीय प्रधानमंत्री आदरणीय श्री नरेंद्र मोदी जी से देश के करोड़ों आदिवासियों के हित में आदिवासी/सरना धर्म कोड की चिरप्रतीक्षित माँग पर यथाशीघ्र सकारात्मक निर्णय लेने की कृपा करने का आग्रह किया है। मुझे आशा ही नहीं अपितु पूर्ण विश्वास है कि जिस प्रकार प्रधानमंत्री जी समाज के वंचित वर्गों के कल्याण के लिए तत्पर रहते हैं उसी प्रकार इस देश के आदिवासी समुदाय के समेकित विकास के लिए पृथक आदिवासी/सरना धर्मकोड का प्रावधान सुनिश्चित करने की कृपा करेंगे। जोहार!”