L19/Ranchi : झारखंड शहरी आधारभूत संरचना निगम लिमिटेड (जुडको) की तरफ से कांटाटोली फ्लाई ओवर निर्माण के दो बड़े बाधकों से अतिक्रमण हटवा लिया गया है। बुधवार को रांची के कांटाटोली फ्लाईओवर के निर्माण में दो रैयतों के छह साल से अधिक समय से विरोध कर रह थे। विरोध के कारण फ्लाई ओवर का काम काफी अधिक प्रभावित हो रहा था।
फ्लाईओवर के निर्माण में बाधक बने 2 रैयतों के कब्जे से आज 6 साल बाद अतिक्रमण कर हटाया गया। एचपीसीएल पेट्रोल पंप और वाईएमसीए की बाउंड्री से सटे अतिक्रमण को जुडको ने जिला प्रशासन की मदद से हटाया। इस दौरान भारी संख्या में पुलिस की भी तैनाती की गयी थी। जुडको की टीम के अतिक्रमण हटाने पहुंचने पर दोनों रैयतों रॉबर्ट मिंज और अनुपम रावना ने विरोध करना शुरू कर दिया। जुडको ने उनकी एक न सुनी और चिन्हित जमीन पर खड़े कई पेड़ों को जेसीबी से उखड़वा के हटा दिया। जुडको के अधिकारियो ने करीब 210 मीटर से अतिक्रमण हटाया।
कांटाटोली से ओल्ड एचबी रोड स्थित यह र जिस जगह पर काम रूका हुआ था, वह काफी महत्वपूर्ण जगह है। योजना के तहत खादगढ़ा, नामकुम और लालपुर चौक जाने के लिए एक्जिट रैंप बनाया जाना है । खादगढ़ा बस स्टैंड से निकलने वाली गाड़ियों के लिए इंट्री प्वाइंट भी यहीं बनेगा। यहां दो कलवर्ट का भी निर्माण किया जाना है। पाइपलाइन भी बिछानी है और सड़क का निर्माण करना है, लेकिन दोनों रैयतों के विरोध के कारण यह काम बंद पड़े हैं। तीन पिलरों का काम भी रूक गया है। डेढ़ साल से दोनों रैयतों से त्रस्त है कंपनी इससे पहले रैयतों ने जुडको से कब्जा हटाने के लिए समय मांगा। उन्हें समय भी दिया गया।
कंपनी दूसरी तरफ फ्लाईओवर का निर्माण करने में लगी रही। इसी दौरान अनुपम रावना ने अपने घर के सामने अधिग्रहित जमीन पर चाहरदीवारी करना शुरू कर दिया। मामले की सूचना मिलने के बाद मंगलवार को जुडको की टीम पहुंची। पुलिस भी आई। रैयत के परिवार ने हंगामा शुरू कर दिया और फिर से जमीन की मापी कराने की मांग शुरू कर दीछपुलिस ने फिलहाल काम करने वाली कंपनी और रैयत दोनों को वहां काम बंद करने को कहा है. इससे पहले पेट्रोल पंप के सामने अधिग्रहित जमीन पर पेड़ों को काटने को लेकर पेट्रोल पंप के मालिक राबर्ट मिंज ने काम करने वाले मजदूरों को धमकाया था।
2018 से 2023 तक कई बार हुई मापी जुडको का कहना है कि 2018 में ही रैयतों को मुआवजा मिल चुका है, फिर भी वे कब्जा नहीं हटा रहे हैं। वहीं रैयतों का कहना है कि उन्हें मुआवजा नहीं मिला है. कंपनी के एक पदाधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि 2018 से 2023 के बीच कई बार जिला प्रशासन, जुडको और नगर निगम के अमीन की टीम बनाकर जमीन की मापी की गई। हर बार दोनों रैयत जमीन मापी कराने की मांग शुरू कर काम को प्रभावित कर देते हैं। कंपनी का काम सिर्फ निर्माण से संबंधित है। रैयतों के मुआवजा से संबंधित काम जिला प्रशासन और भू-अर्जन विभाग देखती है। ये लोग वहां अपनी बात नहीं रखकर सरकारी काम में बाधा डालकर विकास को बाधित कर रहे हैं।