L19 DESK : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के विवाद की आंच झारखंड तक पहुंच गई है। झारखंड में पार्टी के एकमात्र विधायक कमलेश कुमार सिंह भी दल-बदल के दायरे में आ गए हैं। उनके खिलाफ झारखंड विधानसभा के स्पीकर ट्रिब्यूनल में संविधान की 10वीं अनुसूची (दल-बदल मामला) के तहत मामला दर्ज किया गया है। ट्रिब्यूनल ने उन्हें नोटिस जारी कर खुद या वकील के माध्यम से 27 सितंबर तक आरोपों पर जवाब देने के लिए कहा है।
महाराष्ट्र के एनसीपी (शरद पवार गुट) के विधायक जितेंद्र अवहद ने कमलेश सिंह के खिलाफ स्पीकर ट्रिब्यूनल में शिकायत की है। उन पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई करने का आग्रह किया गया है। इस शिकायत पर संज्ञान लेते हुए स्पीकर ने 10वीं अनुसूची के तहत मामला दर्ज करने का आदेश दिया। साथ ही दोनों विधायकों को नोटिस जारी कर 27 सितंबर तक पक्ष रखने को कहा है। झारखंड में पांच विधायकों पर दल-बदल का केस चल रहा है। इनमें बाबूलाल मरांडी, प्रदीप यादव, डॉ. इरफान अंसारी, नमन विक्सल कोंगाड़ी और राजेश कच्छप शामिल हैं।
पूर्व विधायक बंधु तिर्की पर भी दल-बदल का मामला चल रहा था, लेकिन एक मामले में सीबीआई कोर्ट के फैसले के बाद उनकी विधानसभा की सदस्यता खत्म हो गई। इधर कमलेश सिंह ने कहा है कि एनसीपी के चुनाव चिह्न घड़ी के साथ था और अब भी उसके साथ हूं। जहां घड़ी है, मैं वहां रहूंगा। मैंने पार्टी के खिलाफ कोई बयान नहीं दिया है। हमारे प्रभारी प्रफुल्ल पटेल थे। उनसे बात की है।
महाराष्ट्र में एनसीपी जुलाई में दोफाड़ हो गई थी। एनसीपी नेता और महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता अजीत पवार अपने समर्थकों के साथ पार्टी छोड़कर शिंदे सरकार में शामिल हो गई थी। उन्होंने अपने गुट को असली एनसीपी बताते हुए चुनाव आयोग में दावा भी ठोक दिया। इसके बाद शरद पवार गुट ने अजीत समेत नौ विधायकों के खिलाफ दल-बदल का केस दर्ज कराया और खुद को असली एनसीपी बताते हुए चुनाव आयोग में आवेदन दिया। उसके बाद से दोनों दलों में तकरार चल रही है।