L19 DESK : झारखंड हाईकोर्ट ने 26 सितंबर 2023 को राज्य सरकार से डायन प्रथा उन्मूलन में किए गए प्रयासों का एक्शन टेकन रिपोर्ट मांगा है। डायन प्रथा के दुषप्रभाव से अधिकांश निर्दोष आदिवासी महिलाओं के साथ आए दिन प्रताड़ना और हत्याओं की घटनाएं होती रहती हैं। जिसको खत्म करना किसी भी सिविल सोसाइटी का बड़ा दायित्व है। इस मामले पर सकारात्मक और ठोस कार्रवाई हेतु आज सेंगेल के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद सालखन मुर्मू और सुमित्रा मुर्मू ने ट्राईबल रिसर्च इंस्टीट्यूट, रांची के डायरेक्टर रणेन्द्र कुमार से उनके कार्यालय में मिलकर बातचीत किया।
तत्पश्चात झारखंड के डीजीपी अजय कुमार सिंह से भी मुलाकात कर सहयोग हेतु बातचीत किया। साथ ही आज प्रातः टेलीफोन में मान्य झारखंड हाई कोर्ट द्वारा नियुक्त न्याय मित्र अधिवक्ता सुचित्रा पांडे को भी इस विषय में मुर्मू दंपति ने जानकारी प्रदान किया है। अंततः सभी महसूस करते हैं कि न्यायपालिका, पुलिस- प्रशासन और आदिवासी समाज को मिल बैठकर इसके स्थायी निवारण के लिए एक कार्य योजना और उसके सफल क्रियान्वयन का रास्ता बनाना जरूरी है।
सेंगेल के अनुसार डायन नहीं होते हैं, बल्कि डायन बनाने वाले होते हैं। जिनको पहचान कर दंडित करने से डायन प्रथा का उन्मूलन संभव है। यह अंधविश्वास से ज्यादा अब अपराधिक षडयंत्र का मामला बन गया है। इस मामले पर आदिवासी स्वशासन व्यवस्था के प्रामुखों यथा माझी-परगना, मानकी- मुंडा आदि को सहयोग देने की जरूरत है।
जो फिलवक्त नहीं कर पा रहे हैं और पुलिस प्रशासन भी इसे सामाजिक मामला बता कर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं। मगर सेंगेल को उम्मीद है न्यायपालिका, पुलिस प्रशासन, ट्राइबल रिसर्च इंस्टीट्यूट और आदिवासी समाज के सहयोग से इसका हल जरूर निकल जाएगा। रणेन्द्र कुमार और अजय कुमार सिंह ने आज पूर्णत: सहयोग का भरोसा प्रदान किया है।