L19 DESK : विश्वकर्मा पूजा के दिन देश भर के 70 स्थानों पर पीएम विश्वकर्मा योजना शुरू किया गया। झारखंड की राजधानी रांची और लौह नगरी जमशेदपुर में भी योजना की शुरुआत की गयी। योजना को लेकर कारीगर और विश्वकर्मा समाज में उत्साह का माहौल बना हुआ है। केंद्र सरकार की इस योजना से राज मिस्त्री, लोहार, धोबी, कुम्हार, फूलों का काम करने वाले, ताला चाबी बनाने वाले, मूर्तिकार, मछली का जाल बुनने वाले आदि को लाभ मिलेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योजना की शुरुआत की। रांची के मोरहाबादी स्थित आर्यभट्ट सभागार में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय अर्जुन मुंडा विशेष रूप से मौजूद रहे। राज्य के श्रम नियोजन व कौशल विकास मंत्री सत्यानंद भोक्ता, सांसद संजय सेठ, सांसद सुदर्शन भगत, विधायक सीपी सिंह भी मौके पर उपस्थित थे। पीएम विश्वकर्मा योजना को पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना और पीएम विकास के नाम से भी जाना जाता है।
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना के अंतर्गत देश के शिल्पकारों और कारीगरों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। इस योजना के तहत लाभ पाने के लिए न्यूनतम आयु 18 साल तय की गयी है। इसके लिए परिवार के एक ही सदस्य इस योजना का लाभ आवेदन करने वालों को स्व घोषणा पत्र भी देना होगा। योजना की शुरुआत कारीगरों और श्रमिकों को प्रोत्साहन देने के लिए ही किया जा रहा है। इसका उद्देश्य पारंपरिक शिल्प कौशल में कुशल व्यक्तियों को सशक्त बनाना है। इसका प्राथमिक उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में श्रमिकों को वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण और कल्याण सहायता प्रदान करना है।
इस योजना के तहत कारीगरों और शिल्पकारों को ट्रेनिंग भी दी जाएगी। इस योजना के लागू होने के बाद देशभर में स्वरोजगार में वृद्धि होगी। दो चरणों की इस योजना के पहले चरण में एक लाख रुपये तक का लोन दिया जायेगा। इस पर पांच प्रतिशत की अधिकतम ब्याज ली जायेगी। दूसरे चरण में योग्य श्रमिकों को दो लाख रुपए का कर्ज रियायती दर पर दिया जाएगा । पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत लाभार्थियों को रियायती ब्याज दर पर कोलेटरल फ्री कारोबार विकास लोन के अलावा, ईआरयूपीआई या ई-वाइचर के द्वारा टूसकिट, प्रोत्साहन के तौर पर 15 हजार रुपये दिए जाएंगे।