L19 Desk. बाघमारा विधायक ढुल्लू महतो के निर्वाचन को चुनौती देनेवाली कोंग्रेस के कार्यकरी अध्यक्ष जलेश्वर महतो की चुनाव याचिका की सुनवाई शुक्रवार को झारखंड हाइकोर्ट में हुई । मामले में बाघमारा के तत्कालीन रिटर्निंग ऑफिसर संजय भगत, तत्कालीन असिस्टेंट रिटर्निंग ऑफिसर विकास त्रिवेदी एवं ढुल्लू महतो के इलेक्शन एजेंट माधव चंद्र दास की गवाही हुई। रिटर्निंग अफसर एवं असिस्टेंट रिटर्निंग ऑफिसर ने कोर्ट को अपनी गवाही में बताया कि इलेक्शन कमीशन के ऑब्जर्वर की उपस्थिति में बूथ 266 के खराब ईवीएम को नहीं खोलने का निर्णय लिया गया था ।
चूंकि उस ईवीएम में जितने वोट पड़े थे उसे बहुत ज्यादा अंतर से ढुल्लू महतो जीते थे जिस कारण ऑब्जर्वर ने ईवीएम नहीं खोलने का निर्णय लिया था। वही इलेक्शन एजेंट के द्वारा कहा गया कि किसी ने भी बूथ 266 के खराब ईवीएम मशीन को नहीं खोले जाने पर आपत्ति नहीं जताई थी। 31 मार्च को विधायक ढुल्लू महतो की गवाही होनी हैं । हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति अनिल कुमार चौधरी की कोर्ट में सुनवाई हुई। ढुल्लू महतो की ओर से अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा, अजय शाह, विभास कुमार सिन्हा ने पैरवी की हैं। वही जलेश्वर महतो की ओर से अधिवक्ता अरविंद कुमार लाल ने भी पैरवी की हैं।
बताते चले कि जलेश्वर महतो ने ढुल्लू महतो के निर्वाचन को रद्द करने का आग्रह किया है। याचिका में कहा गया है कि जिस समय ढुल्लू महतो ने अपना नामांकन जमा किया था उस समय वे डिसक्वालिफाइड थे, क्योंकि उनको अलग-अलग धाराओं में सजा हुई है यह कुल मिलाकर 2 साल से ज्यादा का समय हो जाता है।
सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले को आधार बनाते हुए कहा गया है कि ढुल्लू महतो का नामांकन रद्द होना चाहिए। रिटर्निंग ऑफिसर को उसी समय ढुल्लू महतो का नामांकन रद्द कर देना चाहिए था, लेकिन उन्होंने नहीं किया। याचिका में यह भी कहा गया था बहुत से बूथ जैसे बूथ नंबर 266 में 600-700 वोट पड़े थे लेकिन रिटर्निंग ऑफिसर ने उसे जीरो दिखाया था। जलेश्वर महतो की ओर से यह भी कहा गया है कि वे बहुत कम मतों के अंतर से हारे हैं, इसलिए ढुल्लू महतो के निर्वाचन को रद्द कर कुछ बूथों पर फिर मतदान की जाये।