L19 DESK : राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) ने डॉक्टरों द्वारा मरीजों को दवा लिखे जाने को लेकर नये नियम जारी किया है। नये नियम के अनुसार, सभी डॉक्टरों को जेनेरिक दवाओं को लिखने का निर्देश दिया गया है। अगर वे इस नियम का पालन नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है। आयोग ने अपने पंजीकृत चिकित्सकों के लिये पेशेवर आचार संबंधी नियमन में कहा है कि दंडात्मक कार्रवाई के तहत एक तय समय तक लाइसेंस भी निलंबित किया जा सकता है। नियमन के अनुसार, बार बार उल्लंघन करने पर डॉक्टर का निश्चित अवधि के लिये लाइसेंस रद्द किया जा सकता है।
एनएमसी ने डॉक्टरों से कहा है कि वे ब्रांडेड जेनेरिक दवाएं भी लिखने से बचें। जेनेरिक दवा और प्रिस्क्रिप्शन दिशानिर्देश नियमन में जेनेरिक दवाओं को परिभाषित किया गया है। वे दवायें जो ब्रांडेड उत्पाद से खुराक, प्रभाव, खाने के तरीके, गुणवत्ता और प्रदर्शन में समतुल्य हैं।
आपको बता दें ब्रांडेड जेनेरिक दवाओं का मतलब वे दवाएं जिनकी पेटेंट अवधि खत्म हो गयी है और दवा कंपनियां उनका उत्पादन और विपणन दूसरे ब्रांड से करती हैं। ये दवाय़ें ब्रांडेड पेटेंट दवाओं के मुकाबले सस्ती हो सकती हैं। मगर जेनेरिक संस्करण के मुकाबले इस तरह की दवाएं महंगी होती हैं।
नियमन में यह भी कहा गया है कि जेनेरिक दवायें ब्रांडेड दवाओं से 30-80% तक सस्ती होती हैं, इसलिये जेनेरिक दवाओं के लिखने से स्वास्थ्य पर होने वाले खर्ट में कमी आयेगी। और स्वास्थ्य देखभाल की गुणवत्ता में भी सुधार आयेगा। इसके साथ ही डॉक्टरों को साफ अक्षरों में पर्ची लिखने को कहा गया है। गलती से बचने के लिये चिकित्सकों को बड़े और साफ अक्षरों में लिखने को प्राथमिकता देने की सलाह दी गयी है। आयोग ने कहा है कि जहां तक संभव हो, पर्ची मुद्रित होनी चाहिये, ताकि गलतियों से बचा जा सके।
कौन कौन से दवायें हैं जेनेरिक की सूची में शामिल?
एनएमसी ने अपने अधिसूचित नियमों में दवाओं की उपचारात्मक श्रेणियों की एक सूची दी है, जिन्हें डॉक्टर की पर्ची के बगैर भी खरीदा जा सकता है। इनमें बवासीर रोधी दवायें, सामयिक एंटीबायटिक्स, खांसी रोधी दवायें, मुंहासे रोधी दवायें, गैर स्टेरॉयड सूजन रोधी दवायें शामिल हैं। इसमें एंटीसेपटिक्स, एनल्जेसिक, डिकॉन्गेस्टेंट, एस्पिरिन, वैसोडिलेटर, एंटासिड, एक्सपेक्टोरेंट, एंटी फंगल दवायें, एंटीहिस्टामाइन, पेट की गैस दूर करने वाली दवायें और धूम्रपान बंद कराने में मदद करने वाली दवायें शामिल है।