L19 DESK : बरियातू थाना के साइंस सिटी के पास शुक्रवार देर रात जूस कारोबारी मुकेश और उनके कर्मचारी रोहन को गोली मार कर हत्या करने के आरोपियों तक पुलिस पहुंच गयी है। पुलिस जल्द ही इसका खुलासा करेगी। पुलिस ने पता लगा लिया है कि मुकेश और रोहन को गोली मारने की सुपारी देनेवाला और कोई नहीं बल्कि रांची जूस सेंटर के संचालक धर्मेंद्र है। रांची पुलिस की जांच में डबल मर्डर को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। रांची जूस सेंटर के संचालक धर्मेंद्र और अशोक ने मुकेश कुमार के जूस के बढ़ते कारोबार से परेशान होकर दोनों की हत्या करा दी। बताया जाता है कि चतरा का रहनेवाला मुकेश साव ने मोरहाबादी में तीन जूस सेंटर खोल रखा था और वह चौथे जूस सेंटर खोलने की तैयारी में था।
इससे रांची जूस सेंटर के संचालक को आपत्ति थी। इसी बात को लेकर दोनों के बीच विवाद भी हुआ था । सीसीटीवी फुटेज की जांच में यह बात भी सामने आयी है कि मुकेश और रोहन से दोनों अपराधियों ने पहले बातचीत की और फिर दोनों को गोली मार दी। एसएसपी किशोर कौशल के निर्देश पर गठित एसआईटी की टीम घटना में शामिल आरोपियों की पहचान कर ली है। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए संभावित ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है। रांची पुलिस जल्द प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरे मामले का खुलासा करेगी। चतरा जिले के रहने वाले दो भाई दिनेश साव और मुकेश साव 20 साल से राजधानी के मोरहाबादी मैदान में जूस काउंटर लगा रहे हैं।
मुंबई जूस एंड शेक के नाम से मोरहाबादी मैदान में दिनेश और मुकेश के तीन काउंटर हैं। कालू लामा की हत्या के बाद मोरहाबादी मैदान से जब दुकानों को हटाया गया था, उस दौरान अशोक और धर्मेंद्र की दुकान को भी हटा दिया गया था। इस दौरान दिनेश और मुकेश ने नगर निगम से निबंधन करवाया और अपनी जूस की दुकानों को स्थायी कर लिया। वहीं लाख कोशिशों के बावजूद अशोक और धर्मेंद्र की दुकान मोरहाबादी मैदान में नहीं लग पायी। अशोक को लगता था कि मुकेश और दिनेश की वजह से उसका जूस काउंटर मोरहाबादी मैदान में नहीं लग पा रहा है।
इसी वजह से वह दोनों भाइयों से दुश्मनी पाल रखा था। हाल के दिनों में दिनेश और मुकेश ने एक और नया काउंटर खोल लिया था, जिसे लेकर अशोक और धर्मेंद्र उसे धमकी भी दे रहे थे। इस दोहरे हत्याकांड में मारे गये मुकेश के भाई ने बयान दिया है कि एक जुलाई को लालपुर थाना को शिकायत दी गयी थी। जिसमें उन्होंने उनको मिल रही धमकी और जान का खतरा होने की जानकारी पुलिस को दी थी. लेकिन पुलिस ने इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की।