L19/Ranchi : पहाड़ी मंदिर में हर रोज श्रद्धालुओं के द्वारा भोलेनाथ को बेलपत्र और फूल चढ़ाए जाते है अब इन फूलों से जैविक खाद्य बनाए जाएंगे। पहाड़ी मंदिर विकास समिति ने यह जिम्मेवारी संस्था टीम ग्रीन को दी है। टीम ग्रीन के सदस्य नि: स्वार्थ भाव से मेहनत करके खाद्य बना रहे है। फूल और बेलपत्र में गोबर गोमूत्र व सूखे पते मिलाकर यह खाद्य को तैयार किया जाता है। खाद्य को बनाने में 40 दिन का समय लगता है। पिछले महीने पहली बार लगभग 50 किलो खाद्य तैयार किया गया था।
टीम ग्रीन के संस्थापक निपुण जैन ने बताया की 15 दिन बाद 200 किलो खाद्य निकलेगी। उन्होंने कहा की सावन के समय अधिक श्राद्धलु मंदिर परिसर में आते है। सात ही आसपास के मंदिरों से भी फूल व बेलपत्र आने लगे है। निपुण जैन ने बताया की इस जैविक खाद्य का उपयोग सिर्फ पहाड़ी मंदिर पहाड़ी मंदिर परिसर को हरा भरा रखने के लिए बना रहे है। टेंपल वेस्ट टू ब्लैक गोल्ड के तहत हमारी कोशिश यही है की मंदिरों व अन्य धर्मिक स्थलों में चढ़ाए जाने वाले फूल और बेलपत्र इधर उधर न फेंककर पेड़ पौधे के विकास मे नहीं लगे । यानी की इनसे खाद्य बनाकर पौधे को ही देंगे। ताकि हमारे पास फिर से फूल फल और बेलपत्र आ सके।