
L19/Latehar : लातेहार जिले के महुआडांड़ प्रखंड में करीब 48 करोड़ रुपये की लागत से बूढ़ा नदी मे इंटक वेल में लगी पाइपलाइन बारिश के दिन में पानी में बह गयी। लोध पेयजलापूर्ति योजना के तहत लगाये इस पाइपलाइन को मात्र 1.5 साल ही हुए थे। इस पाइपलाइन के जरिये लगभग 7 हजार लोगों के घरों तक पानी पहुंचाने का लक्ष्य तय किया गया था। लेकिन पाइपलाइन के बह जाने से इन घरों में पानी पहुंच ही नहीं पायेगा। गौरतलब है, इस योजना की शुरुआत 29 दिसंबर 2021 को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किया था।
बताया जा रहा है कि पाइपलाइन को बिछाये केवल डेढ़ साल ही हुए थे, और ये इतने दिनों के अंतराल में सड़ चुकी थी। अब इसे लेकर सवाल खड़े होने शुरु हो चुके हैं। इस संबंध में विभाग के अधीक्षण अभियंता राजमोहन सिंह ने कहा कि पाइप सड़ने को लेकर अभी तक कोई जानकारी नहीं है। मामले की जांच की जायेगी।
लोध पेयजलापूर्ति योजना के तहत बिछाये गये पाइपलाइन को लेकर ग्रामीणों ने कहा कि आजतक इस योजना का लाभ लोंगो को नही मिल पाया है। उद्घाटन के बाद प्रखंडवासियों को आजतक पानी की आपूर्ति नहीं की गई। हालांकि, इस दौरान कई बार अधिकारियों और जन प्रतिनिधियों के दबाव में आपूर्ति के लिए ट्रायल हुआ, लेकिन कई जगहों से पानी लीकेज होकर सड़को पर बहने लगा। इससे जलापूर्ति रोक दी गई थी।
आपको बता दें कि लोध पेयजलापूर्ति योजना के तहत पानी सप्लाई के लिये प्रखंड में 3 जलमीनार बनाये गये थे। इसमें महुआडांड़ थाना के पास बने जलमीनार से महुआडांड़ और अक्सी, मेराम गांव में बने जलमीनार से चंपा, अंबोआटोली सहित कुछ अन्य इलाके भी शामिल हैं। नियमित पानी सप्लाई के लिये महुआडांड़ में एक संप का निर्माण भी किया गया है, जहां 3 लाख लीटर स्वच्छ जल को जलापूर्ति के लिये रिजर्व रखा जाना है।
वहीं, बताया जा रहा है कि इस परियोजना के तहत मेराम गांव में निर्माण के समय जलमीनार का रैंप टूट जाने से 3 मजदूरों की मौत हो गई थी। इसपर संज्ञान लेते हुए तत्कालीन लातेहार डीसी अबु इमरान ने जांच का निर्देश दिया था। हालांकि, जांच पर कार्रवाई की भी गयी या नहीं, इसे लेकर कोई जानकारी प्राप्त नहीं है। कई लोगों ने उस समय भी कार्य की गुणवत्ता पर सवाल खड़े किए थे।
