L19/DESK : मानसून सत्र में झारखंड सरकार द्वारा प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर लीक और नकल रोकने के लिए झारखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम और निवारण के उपाय) विधेयक-2023 गुरुवार को विधानसभा से पारित कर दिया। अब राज्यपाल की मंजूरी और गजट प्रकाशन के बाद यह कानून लागू हो जाएगा, इसके बाद पेपर लीक करने के दोषियों को आजीवन कारावास की सजा और दो से 10 करोड़ रुपए तक जुर्माना लगेगा। वहीं पहली बार नकल करने वाले अभ्यर्थियों को एक साल कैद व पांच लाख रुपए जुर्माना और दूसरी बार नकल करते पकड़े जाने पर तीन साल कैद और 10 लाख रुपए का जुर्माना लगेगा। पहले विधेयक में सजा की अवधि तीन साल और सात साल रखी गई थी। लेकिन सहयोगी दलों के विधायकों के सुझाव पर सीएम ने इसे घटाने की बात कही, जिसे सदन ने स्वीकार कर लिया।
बात दें इससे पहले विपक्षी दल ने इस विधेयक के कुछ प्रावधानों को छात्र विरोधी बताते हुए इसे झारखंड के लिए काला कानून बताया। इस पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा-विपक्ष को दुनिया की सारी चीजें काली ही दिखती हैं,अपनी आंखों से केवल काला चश्मा उतार दे तो उसे सब कुछ साफ दिखने लगेगा।
आइए बताते है क्या खासियत है इस विधेयक का ?
अगर कोई व्यक्ति, प्रिंटिंग प्रेस, कोचिंग संस्थान या अनुबंधित व्यक्ति पेपर लीक करने का दोषी पाया गया तो उसे आजीवन कारावास और दो से 10 करोड़ का जुर्माना और जुर्माना न भरने पर सजा की अवधि तीन साल तक और बढ़ जाएगी। वही कोई व्यक्ति संगठित अपराध में परीक्षा प्राधिकरण के साथ षड़यंत्र करता है, अनुचित साधनों का प्रयोग करता है तो उसपर भी दो करोड़ से 10 करोड़ का जुर्माना और आजीवन कारावास की सजा होगी। कोई व्यक्ति, प्रिंटिंग प्रेस, परीक्षा संचालन से जुड़ा व्यक्ति या कोचिंग संस्थान प्रश्न पत्रों की चाेरी, जबरन वसूली या ओएमआर सीट को अनाधिकृत रूप से नष्ट करता है तो उसे 10 साल की जेल और एक करोड़ जुर्माना लगेगा। दूसरी ओर आशंका या गड़बड़ी की सूचना पर मजिस्ट्रेट कहीं भी जांच कर सकेगा, अनुचित साधनों को जब्त कर सकेगा और गिरफ्तार कर सकेगा।प्रतियोगी परीक्षा में गड़बड़ी कर अर्जित संपत्ति सरकार कुर्क कर सकेगी। नकल करने वाला परीक्षार्थी चार्जशीट होने पर दो से पांच साल और सजा हो ने पर 10 साल तक प्रतियोगी परीक्षाओं में नहीं बैठ सकेगा।
राज्य के झारखंड लोक सेवा आयोग (JPSC), कर्मचारी चयन आयोग (JSSC), भर्ती एजेंसियों द्वारा आयोजित होने वाली प्रतियोगी परीक्षा, राज्य सरकार के लोक उपक्रमों द्वारा आयोजित परीक्षा के अलावा निगम और निकायों द्वारा आयोजित होने वाली परीक्षाएं। परीक्षार्थी के अतिरिक्त परीक्षा प्रक्रिया में शामिल एजेंसियां, सरकारी कर्मचारियों के द्वारा प्रश्न पत्र लीक करने या परीक्षा की गोपनीयता भंग करने वाले और जानकारी सार्वजनिक करने वाले।परीक्षा डयूटी में शामिल कर्मचारियों, उनके पारिवारिक सदस्यों, रिश्तेदारों को धमकी देने और परीक्षा के संबंध में गलत सूचना प्रचारित करने वाले।