L19 DESK : रिम्स के अधीन चल रहे डेंटल इंस्टीट्यूट का नाम बदलने से फंसा 67 छात्रों का रजिस्ट्रेशन डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया ने नये नाम को लेकर लगायी रोक राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) ने कालेज परिसर में संचालित डेंटल इंस्टीट्यूट का नाम बदल कर डेंटल कालेज कर दिया है। इससे रिम्स के डेंटल कॉलेज के दो बैच के कुल 67 स्टूडेंट्स निबंधन नहीं करा पा रहे हैं। 2017 बैच के 40 और 2018 के 27 स्टूडेंट्स हैं। पासआउट होने के एक साल बाद भी 2017 बैच का रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है। रजिस्ट्रेशन के बिना ये अपना प्रैक्टिस नहीं कर पा रहे हैं।
दंत चिकित्सक नियम 1948 के अनुसार कॉलेज के नाम में बदलाव का प्रावधान नहीं
डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया ने नाम बदले के बाद उत्तीर्ण हुए बीडीएस के छात्रों का निबंधन करने से साफ मना कर दिया है। 13 अप्रैल 2022 में आयोजित 54वीं शासी परिषद की बैठक में रिम्स के डेंटल इंस्टीट्यूट का नाम बदलकर डेंटल कॉलेज कर दिया गया था। प्रबंधन ने इसको लेकर यह दलील दी कि रिम्स खुद एक संस्थान (इंस्टीट्यूट) है। ऐसे में एक ही इंस्टीट्यूट के अधीन दूसरे इंस्टीट्यूट का संचालन नहीं हो सकता है। शासी परिषद ने इसी सिलसिले में रिम्स के डेंटल इंस्टीट्यूट का नाम बदलकर डेंटल कॉलेज कर दिया गया। इससे यहां के दो बैच के पास आउट छात्रों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। इधर, रिम्स प्रबंधन को नाम परिवर्तन के संबंध में लिए गए निर्णय को एक और झटका लगा है। डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया ने भी नाम बदलने को लेकर अपना नजरिया स्पष्ट कर दिया है। रिम्स प्रबंधन को भेजे पत्र में कहा है कि दंत चिकित्सक नियम 1948 के अनुसार कॉलेज के नाम में बदलाव का प्रावधान नहीं है। इसलिए इस मामले में केंद्रीय स्वास्थ विभाग में प्रस्ताव भेज सकते हैं।
छात्रों का भविष्य अंधकारमय
प्रबंधन द्वारा अनावश्यक नाम बदल देने से दो बैच के पास आउट छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो गया है। रिम्स डेंटल कॉलेज से एग्जाम के बाद जारी अंकपत्र से संशय की स्थिति बन गई है। पास आउट आधे छात्रों का अंक पत्र डेंटल कॉलेज नाम से निर्गत किए गए हैं, वहीं आधे डेंटल इंस्टीट्यूट के नाम से जारी किए गए हैं। यह प्रबंधन की लापरवाही नहीं तो और क्या है।
2018 बैच के छात्रों का बीडीएस कोर्स पूरा
2018 बैच के छात्रों का बीडीएस (बैचलर इन डेंटल सर्जरी) का कोर्स पूरा हो चुका है। रिजल्ट भी जुलाई माह के पहले सप्ताह में आ चुका है। परिणाम आने के अगले ही दिन से इंटर्नशिप शुरू करने का प्रावधान है। एक साल की इंटर्नशिप अवधि पूरी करने के बाद ही इन्हें बीडीएस की डिग्री मिल सकेगी। लेकिन परिणाम के 12 दिन बाद भी रजिस्ट्रेशन नहीं नहीं हो रहा है। डेंटल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. जयप्रकाश ने डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया के सचिव को इस सबंध में पत्र लिखा है। कॉलेज के नाम में बदलाव से झारखंड राज्य डेंटल काउंसिल से प्रोविजनल रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट जारी करने से मना कर दिया गया। इसलिए नाम बदलकर डेंटल कॉलेज किया जाए। ताकि छात्रों को परेशानी नहीं हो।