कोतवाली थाने में अज्ञात के खिलाफ दर्ज करायी गयी प्राथमिकी संजीवनी बिल्डकोन, राष्ट्रीय खेल, अवैध खनन जैसे कई मामलों की जांच कर रहा है सीबीआइ
L19/DESK : झारखंड में एक से एक कांड हो रहा है। जांच एजेंसियों के दफ्तर से दस्तावेज गायब हो जा रहे हैं। जांच एजेंसी के अधिकारी मामले को दबा कर फाइल क्लोजर की रिपोर्ट दे दे रहे हैं। अब केंद्रीय जांच एजेंसी का अहम दस्तावेज अब चोरी हो गया है। सीबीआइ का दस्तावेज एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) के झारखंड कार्यालय से चोरी हुआ है। बताते चलें कि सीबीआइ और एसीबी की तरफ से संजीवनी बिल्डकोन घोटाला, राष्ट्रीय खेल घोटाला, लौह अयस्क का अवैध ट्रांसपोर्टेशन, अवैध कोयला खनन, जमीन के अवैध खरीद-बिक्री समेत कई मामलों की संयुक्त जांच की जा रही है। सीबीआई के एक अहम कांड के दस्तावेज की चोरी हो गई है।
इस संबंध में कांके रोड स्थित भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की निर्गत शाखा में पदस्थापित आरक्षी राजू रंजन कुमार ने कोतवाली थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है। प्राथमिकी में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ दस्तावेज चोरी होने का आरोप लगाया गया है। साथ ही कहा गया है कि उक्त निबंधित डाक को किसी ने गलत नीयत से चुरा लिया है। डाक विभाग से जानकारी मिली कि उक्त डाक को एसीबी के ऑफिस में रिसीव कराया गया था। जब एसीबी ऑफिस से उक्त डाक की मांग की गई तो बताया गया कि वह चोरी हो गई है। सीबीआई की ओर से उक्त डाक के संबंध में एसीबी को बताया गया है कि उसमें एक अहम कांड के मूल दस्तावेज हैं, जिसे लखनऊ से सीबीआई एसीबी रांची शाखा को भेजा गया है। कोतवाली थाने में 14 जुलाई को प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पुलिस ने पूरे मामले की छानबीन शुरू कर दी है।
8 मई 2023 को आया था निबंधित डाक, 9 मई को ऑफिस के ड्रॉवर से गायब
दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, 8 मई 2023 कांके पोस्ट ऑफिस का पोस्टमैन आया और एक निबंधित डाक (संख्या ईयू-9962741531एन) एसीबी ऑफिस में जाकर रिसीव कराया। चूंकि, उक्त निबंधित डाक पर पता लिखा था- सीबीआई, एसीबी। ऐसे में पोस्टमैन को लगा कि यह निबंधित डाक भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) का है। इसके बाद उसने गलती से उक्त डाक को एसीबी ऑफिस में रिसीव करा दिया। जब आरक्षी राजू रंजन कुमार ने डाक पर पता देखा तो उसे पोस्टमैन को वापस करने के लिए सभी कर्मियों की उपस्थिति में महिला आरक्षी पूनम कुमार को दे दिया। पूनम कुमार ने उसे ऑफिस में रखी टेबल के ड्रावर में रख दिया। अगले दिन जब उस निबंधित डाक को वापस करने के लिए आरक्षी राजू रंजन ने पूनम कुमार से मांग की तो ड्रॉवर से वह गायब दिखा। काफी खोजबीन और पूछताछ के बाद भी निबंधित डाक नहीं मिला।